
नई दिल्ली । नोएडा(Noida) के गढ़ी चौखंडी(Garhi Chaukhandi) निवासी छह वर्षीय बच्चे की मां को प्रेमजाल(love trap) में फंसाकर जबरन धर्म परिवर्तन(Forced conversion) करा दिया। युवक ने महिला से निकाह कर उसका नाम भी बदल दिया। फेज-3 थाने की पुलिस ने चेन्नई से महिला को बरामद कर लिया। पुलिस ने आरोपी युवक और उसके माता-पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
पुलिस के मुताबिक गढ़ी चौखंडी निवासी महिला ने पिछले माह उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि तीन अगस्त को उनके घर पर राजा मियां उर्फ एहसान हुसैन और जहीर बाबू आए। वह उनकी बेटी को उसके घर से ले गए। आरोपियों ने उसकी बेटी प्रिया शर्मा को बंधक बना रखा है। उच्च न्यायालय ने फेज-3 थाने की पुलिस को निर्देश दिए किए महिला को बरामद करके आठ सितंबर को न्यायालय में पेश करे।
उच्च न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने महिला प्रिया शर्मा को चेन्नई से बरामद कर लिया। जांच के दौरान पता चला कि बिहार के जिला सीवान निवासी राजा मियां उर्फ एहसान हुसैन ने धोखाधड़ी करके, प्रलोभन और धमकी देकर प्रिया शर्मा का धर्म परिवर्तन करा दिया है। प्रिया शर्मा का नाम बदलकर खुशबू खातून रख दिया है। इस संबंध में प्रिया शर्मा से पुलिस ने जब पूछताछ की तो उसने बताया कि वह धर्म परिवर्तन करके मुस्लिम बन गई है। वह शरिया कानून का ज्ञान ले रही है। दोनों ने एक मई 2025 को बहरामपुर गांव में निकाह भी कर लिया है।
पुलिस ने जब निकाहनामा प्राप्त किया तो पता चला कि राजा मियां, उसके पिता बिस्मिल्लाह मियां, मां अनीशा बेगम और भाई इरशाद ने धोखे से धर्म परिवार कराया। निकाहनामे में प्रिया शर्मा के पिता का नाम फर्जी लिख दिया। आरोपी की मां अनीशा बेगम को प्रिया शर्मा की फूफी बताकर तथा इरशाद को प्रिया शर्मा का भाई बताकर धर्म परिवर्तन कराया गया। इस काम में काजी मोहम्मद अजीमुद्दीन भी शामिल है। पुलिस के मुताबिक प्रिया शर्मा का पति शिवम शर्मा से तलाक भी नहीं हुआ है। पुलिस महिला को बार पहले भी बरामद कर चुकी है। आरोपी राजा मियां और प्रिया शर्मा की मुलाकात कंपनी में नौकरी करने के दौरान हुई थी।
आरोपी युवक समेत तीन लोग गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में गढ़ी चौखंडी चौकी प्रभारी योगेंद्र सिंह ने पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। मुख्य आरोपी राजा मियां, उसके पिता बिस्मिल्लाह मियां और मां अनीशा बेगम को गिरफ्तार कर सोमवार को न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पुलिस इरशाद और काजी मोहम्मद अजीमुद्दीन को खोज रही है। महिला को उच्च न्यायालय में पेश किया गया है। उच्च न्यायालय के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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