
नई दिल्ली । भारत(India) 70 पाकिस्तानी(Pakistani) कैदियों को रिहा(Releasing the prisoners) करेगा। इन कैदियों(Prisoners) को कल यानी मंगलवार को रिहा किया जाएगा। इससे पहले भी भारत की तरफ से कई बार पाकिस्तानी कैदियों को सजा पूरी करने के बाद रिहा किया जा चुका है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह कैदियों की पहली रिहाई होगी। इन कैदियों को अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान भेजा जाएगा। ये कैदी विभिन्न मामलों में भारत की विभिन्न जेलों में बंद थे।
इनमें कुछ महिलाएं और बुजुर्ग भी हैं। अधिकतर अवैध तरीके से भारत की सीमा में दाखिल हुए थे। कुछ लोग मछली पकड़ते हुए भी भारतीय जलक्षेत्र में आ गए थे। कुछ पर वीजा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप था। अटारी सीमा पर विभिन्न एजेंसियों की मौजूदगी में इन कैदियों को पाकिस्तानी रेंजर्स के हवाले किया जाएगा।
पाकिस्तान से भी भारतीयों की रिहाई की उम्मीद
पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा निर्दोष भारतीयों की हत्या के बाद भारत ने पाकिस्तान से सभी संबंध तोड़ लिए थे। इसके बाद इस हमले का बदला लेने के लिए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान को करारा सबक सिखाया था। भारत सरकार की इस मानवीय पहल के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि पाकिस्तान भी अपनी हिरासत में बंद भारतीय नागरिक कैदियों, मछुआरों और उनकी नावों और लापता रक्षा कर्मियों की जल्द से जल्द रिहाई करेगा।
दोनों देशों ने राजनयिक चैनलों से साझा की थी कैदियों की सूची
इसी साल 3 जुलाई को भारत और पाकिस्तान ने राजनयिक चैनलों के जरिए एक-दूसरे की हिरासत में बंद नागरिक कैदियों और मछुआरों की लिस्ट को साझा किया था। साल 2008 में कांसुलर एक्सेस पर द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों के तहत हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को ऐसी सूचियों का आदान-प्रदान किया जाता है। विदेश मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक भारत ने अपनी हिरासत में बंद 382 कैदियों और 81 मछुआरों के नाम पाकिस्तान के साथ साझा किए हैं। ये वे नाम हैं, जो पाकिस्तानी माने जाते हैं। इसी तरह पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में बंद 53 कैदियों और 193 मछुआरों के नाम साझा किए हैं, पाकिस्तान के मुताबिक ये भारतीय हैं। पाकिस्तान में 159 भारतीय मछुआरे और नागरिक कैदी अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान से मांग रखी थी कि वह पाकिस्तान की हिरासत में बंद उन 26 भारतीय नागरिक कैदियों और मछुआरों को तत्काल कांसुलर पहुंच प्रदान करे जिन्हें भारतीय माना जा रहा है।
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