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होटलों के प्रोजेक्ट के लिए सुपर कॉरिडोर पर जारी किए 11 भूखंडों के टेंडर

September 09, 2025

  • इन्दौर के साथ पहली बार उज्जैन प्राधिकरण की भी होगी प्रीबीड मीटिंग निवेशकों के लिए, बस टर्मिनल की दो हजार स्क्वेयर फीट जमीन पर्यटन विभाग को सिंहस्थ के मद्देनजर देगा प्राधिकरण

इन्दौर। सिंहस्थ के मद्देनजर इन्दौर के साथ-साथ उज्जैन विकास प्राधिकरण ने होटलों के प्रोजेक्टों के लिए व्यावसायिक भूखण्डों की बिक्री के टेंडर जारी किए हैं। यह पहला मौका होगा, जब दोनों प्राधिकरणों द्वारा प्रीबीड का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें निवेशको को इन भूखण्डों की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही एमआर 10 पर प्राधिकरण ने 110 करोड़ रुपये की लागत से जो बम टर्मिनल बनाया है, वहां 2 हजार स्क्वेयर फीट जमीन भी पर्यटन विभाग को सौंपी जा रही है, जिसका उपयोग सिंहस्थ के मद्देनजर बाहर से आने वाले यात्रियों को तमाम जानकारी उपलब्ध कराने में होगा। सुपर कॉरिडोर पर पाधिकरण ने 11 भूखंडो के एक साथ आनलाइन टेंडर जारी किए है।

प्राधिकरण सीईओ आरपी अहीरवार का भी तबादला कल रात जारी सूची में हुआ है, उन्हें अब जबलपुर का नगर निगमायुक्त बनाया गया है। मगर तीन साल से अधिक समय का उनका प्राधिकरण का कार्यकाल भी उल्लेखनीय रहा, जिसमें एक साथ चार फ्लायओवरो का उद््घाटन करवाने, लता मंगेश्कर आडिटोरियम को चालू कराने, दोनों आईएसबीटी के प्रोजेक्टों को पूरा करने के साथ लगभग एक दर्जन टीपीएस योजनाओं में क्रियान्वयन, उनमें मास्टर प्लान की सडक़ों का निर्माण, डबल डेकर ब्रिज सहित कई बड़े प्रोजेक्ट प्राधिकरण ने इंदौर के हित में पूरे किए हैं। श्री अहीर के मुताबिक सुपर कारिडोर की योजना 151 व्यावसायिक उपयोग के 11 भूखंडों के टेंडर अभी एक साथ जारी किए गए है।


इसी तरह उज्जैन प्राधिकरण द्वारा भी होटल प्रोजेक्टों के लिए भूखंडों के टेंडर जारी किए हैं। दरअसल पयर्टन विभाग की मंशा है कि उज्जैन सिंहस्थ के मद्देनजर इन्दौर और उज्जैन में होटलों का निर्माण हो, जिसके लिए इन भूखंडों के टेंडर बुलाए हैं और पहली बार प्रीबीड मीटिंग भी अभी कुछ दिनों बाद आयोजित की जा रही है, ताकि इन भूखंडों की जानकारी निवेशकों को दी जा सके। प्राधिकरण ने जो टेंडर जारी किए हैं, उसमें शामिल 11 भूखंडों की आरक्षित राशि ही 1100 करोड़ से ज्यादा होती है। अब यह बात अलग है कि इनमें से कितने भूखंडों पर प्राधिकरण को टेंडर प्राप्त होते हैं, क्योंकि 80 हजार से लेकर डेढ़ लाख स्क्वेयर फीट से अधिक बड़े आकार के यह भूखंड हैं और एक-एक भूखंड की कीमत ही 80-90 करोड़ से लेकर सवा सौ करोड़ रुपये से अधिक होती है। प्राधिकरण सीईओ अहीरवार के मुताबिक पिछले दिनों भी प्राधिकरण की कई सम्पत्तियां बिकी है और इस वित्त वर्ष में अभी तक 700 करोड़ रुपये से अधिख की राशि इससे हासिल हुई और लगभग 1 हजार करोड़ रुपये की तो एफडी ही प्राधिकरण के नाम पर हो गई। यानी वित्तीय स्थिति के मामले में प्राधिकरण अत्यंत मजबूत है और यही कारण है कि इन्दौर विकास के लिए उसने एक के बाद एक प्रोजेक्ट शुरू भी किए हैं।

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