
उज्जैन: उज्जैन की शिप्रा नदी (Shipra River of Ujjain) में गिरी कार के मामले में 3 दिन से चल रहा सर्च ऑपरेशन (search operation) मंगलवार शाम को समाप्त हो गया. करीब 65 घंटे की खोज के बाद बरामद हुई कार से महिला कांस्टेबल आरती पाल का शव निकाला गया, जिसके साथ ही तीनों पुलिसकर्मियों की मौत की पुष्टि हो गई.
बता दें कि उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा (58), सब-इंस्पेक्टर मदन लाल (57) और कांस्टेबल आरती पाल (30) को ले जा रही कार शनिवार रात करीब 9 बजे बिना रेलिंग वाले बड़नगर पुल से नदी में गिर गई थी. चश्मदीदों के अनुसार, हादसे के समय कांस्टेबल आरती पाल ही कार चला रही थीं.
तीनों पुलिसकर्मी जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर स्थित उन्हेल पुलिस स्टेशन के थे और एक लापता नाबालिग के मामले की जांच के लिए जा रहे थे. उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि पहले टीआई अशोक शर्मा का शव मिला था. इसके बाद सोमवार को उफनती शिप्रा नदी से सब-इंस्पेक्टर मदन लाल का शव शाम लगभग 5:30 बजे बरामद किया गया.
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मंगलवार को पानी उतरने के बाद पुलिस ने खोजबीन फिर शुरू की तो हादसे वाले स्थान से अमेज कार का सुराग मिल गया. कार क्रेन की मदद से निकाली गई, जो पुल से 50 मीटर दूर नदी के भीतर एक गड्ढे में डूबी हुई थी. कार के अंदर फंसा हुआ महिला कांस्टेबल आरती पाल का शव बरामद किया गया.
एसपी प्रदीप शर्मा और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. बचाव कार्य में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के 25-25 कर्मी, 10 स्थानीय गोताखोर सहित 50 से अधिक बचावकर्मी लगे थे. मशीनी नावें और दो ड्रोन भी तैनात किए गए थे.
जियावाजी गंज सीएसपी पुष्पा प्रजापति ने बताया कि पानी का तेज बहाव तलाशी अभियान को मुश्किल बना रहा था, इसलिए बांध के निचले हिस्से को बंद कर बहाव कम करने की कोशिश की गई. कार और आरती पाल का शव मिलने के साथ ही सर्च ऑपरेशन खत्म हो गया. इससे पहले ही पुलिस ने संभावना जताई थी कि महिला कांस्टेबल का शव भी कार में फंसा हो सकता है, जो सही साबित हुई. इस घटना से पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गई है.
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