
इंदौर। एक तरफ बीआरटीएस कॉरिडोर हटेगा और एआईसीटीएसएल की आई बसें बिना रैलिंग चलेंगी, तो दूसरी तरफ हेलीकॉप्टर उड़ाने की तैयारी भी की जा रही है। इंदौर-भोपाल के बीच हेलीकॉप्टर उड़ाने के लिए अभी दो फर्मों ने तो अपने प्रस्ताव सौंप दिए हैं, वहीं दो से तीन अन्य कम्पनियां भी इसके लिए तैयार है। इसकी पुष्टि करते हुए स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह का कहना है कि कम्पनियों के प्रस्तावों का अध्ययन करने के बाद उपयुक्त निर्णय लिया जाएगा।
पिछले दिनों स्मार्ट सिटी बोर्ड में हुए निर्णय के आधार पर ईओआई के जरिए हेलीकॉप्टर कम्पनियों से प्रस्ताव मांगे गए थे, जिसमें इंदौर से भोपाल और भोपाल से इंदौर के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू करने के प्रस्ताव आमंत्रित किए गए। 5 यात्रियों और एक पायलट के साथ सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर के प्रस्ताव बुलवाए गए, जिसमें भंवरकुआं चौराहा पर स्थित अटलबिहारी गवर्नमेंट आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज में संभावित हेलीपेड बनाने और भोपाल में लाल परेड ग्राउंड में हेलीपेड की सुविधा देने की बात कही गई है।
एआईसीटीएसएल द्वारा बोर्ड बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पिछले दिनों मंजूर किया गया और उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर सेवाएं देने वाली दो से तीन कम्पनियां भी इसमें रुचि दिखा रही है। उल्लेखनीय है कि केदारनाथ सहित वैष्णव देवी और चारधाम यात्रा के लिए भी ये हेलीकॉप्टर कम्पनियां अपनी सेवाएं देती हैं, जिसमें ओला कम्पनी भी शामिल है।
स्मार्ट सिटी द्वारा एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट जो जारी किए गए उसकी समय सीमा अभी 15 दिन की और बची है, जिसके चलते एआईसीटीएसएल को उम्मीद है कि कुछ अन्य कम्पनियां भी इसमें शामिल हो सकती है। अधिकारियों का दावा है कि इंदौर-भोपाल के बीच हेलीकॉप्टर सेवाएं सफल साबित हो सकती है, क्योंकि बड़ी संख्या में सरकारी अधिकारियों से लेकर राजनेताओं सहित अन्य को राजधानी आना-जाना पड़ता है।
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