
वॉशिंगटन। एक प्रभावशाली अमेरिकी सीनेटर (Influential US senator) ने रूस से तेल आयात (Importing oil from Russia.) को लेकर भारत को धमकी देने के लिए ट्रंप प्रशासन की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नई दिल्ली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के साथ सालों से बने रिश्ते कुछ ही महीनों में टूट गए हैं। डेमोक्रेटिक सीनेटर जीन शाहीन की यह टिप्पणी नई दिल्ली और वॉशिंगटन के बीच तनाव के बीच आई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया है, जिसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है।
अमेरिकी नेता और न्यू हैम्पशायर की सीनेटर शाहीन ने वॉशिंगटन में काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में अपने भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति पर बरसते हुए कहा, “मुझे लगता है कि हमारी विदेश नीति को हमेशा अमेरिका के हितों को आगे बढ़ाना चाहिए, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों ने ऐसा नहीं किया है। इसके बजाय, उन्होंने छह दशकों के उस निवेश को खत्म कर दिया है जिसने संयुक्त राज्य अमेरिका को सम्मानित और प्रभावशाली बनाया था।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका को रूस से तेल खरीदने पर भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ की तरह चीन पर भी टैरिफ़ लगाना चाहिए, तो उन्होंने कहा, “हां, जरूर।” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ने ऐसा इसलिए नहीं किया क्योंकि जब उन्होंने पहले चीन पर टैरिफ लगाने की बात की थी, तो चीन ने कहा था, ‘ठीक है, आप ऐसा करना चाहते हैं। हम आपको जरूरी खनिज देने से मना कर देंगे। हम आपको वो सभी दूसरी चीजें देने से मना कर देंगे जो हम अमेरिका को देते हैं और जिन पर आप हम पर निर्भर हैं।”
डेमोक्रेटिक सीनेटर शाहीन ने कहा, “मुझे लगता है कि यही सब कुछ हो रहा है… और मेरे हिसाब से ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत और प्रधानमंत्री मोदी के साथ रिश्ते बनाने की सालों की कोशिशों के बाद, ये कुछ ही महीनों में टूट गया।” उन्होंने कहा, “हम ब्राजील पर टैरिफ लगा रहे हैं, जबकि अमेरिका का ब्राजील के साथ व्यापार अधिशेष है। हम रूस से तेल आयात के कारण भारत को धमका रहे हैं, लेकिन चीन के मामले में हम मुंह फेर लेते हैं।”
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