
काठमांडू. नेपाल (Nepal) में राजा ( king) की वापसी की अफवाह और सत्ता संकट के बीच सुशीला कार्की (Sushila Karki) का नाम अंतरिम सरकार के मुखिया के लिए उभर कर सामने आया है. गुरुवार रात नेपाल में अचानक यह अफवाह तेजी से फैली कि राजशाही (monarchy) की वापसी हो सकती है और राजा को वापस शीतल निवास (राष्ट्रपति भवन) लाने की तैयारी चल रही है.
जैसे ही यह अफवाह सामने आई तो Gen-Z प्रदर्शनकारी एक्टिव हो गए जो अंतरिम सरकार तो चाहते हैं लेकिन साथ में ये भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि राजशाही की वापसी ना हो. सेना के एक अधिकारी ने सुदन गुरूंग से बातचीत में कहा कि राष्ट्रपति भवन में ऐसी कोई चर्चा नहीं हो रही है और सेना भी इन अफवाहों को फैलाने वालों का पता लगा रही है.
सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति और स्पीकर के बीच संसद भंग करने को लेकर बातचीत हुई. सेना अधिकारी ने यह भी स्वीकारा कि राष्ट्रपति संसद भंग करने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन आर्मी चीफ की ओर से उन्हें बता दिया गया है कि संसद भंग करना प्रदर्शनकारियों की पहली शर्त है और इससे पीछे हटना मुश्किल होगा.
कार्की के नाम पर लगेगी मुहर!
सबसे अहम चर्चा अब पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाए जाने को लेकर हो रही है. सूत्रों का कहना है कि इस पर बातचीत अंतिम चरण में है. देर रात तक कार्की सेना नेतृत्व और जनरेशन Z (GenZ) प्रतिनिधियों की बैठक में शामिल रहीं. सुबह नेपाल आर्मी ने कार्की को फिर से बुलाया है.
सूत्र बताते हैं कि काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने भी सुशीला कार्की के नाम का समर्थन कर दिया है. साथ ही GenZ प्रतिनिधियों ने भी उनसे सीधे बातचीत की है. अब उम्मीद है कि जल्दी ही अंतरिम सरकार के ढांचे पर अंतिम फैसला हो सकता है.
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