img-fluid

रेज्युमे में भी केस का करो जिक्र, यौन उत्पीड़न मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूनिवर्सिटी के वीसी को दिया आदेश

September 13, 2025

नई दिल्‍ली । पश्चिम बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ जूडिशल साइंसेज के कुलपति(Vice Chancellor) के खिलाफ यौन शोषण(Sexual Exploitation) के आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने कहा है कि इस अपराध को बिना किसी सजा के माफ नहीं किया जा सकता। दरअसल विश्वविद्यालय की ही एक फैकल्टी मेंबर कुलपति के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की थी। हालांकि तीन महीने से ज्यादा वक्त बीतने के बाद शिकायत करने की वजह से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। सुप्रीम कोर्ट ने यूनिवर्सिटी के वीसी को निर्देश दिया है कि वह अपने रेज्यूमे में भी उनके खिलाफ की गई यौन शोषण के केस का जिक्र करें और बताएं कि इस मामले में कोर्ट ने क्या फैसला दिया था।


जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस प्रसन्ना बी वाराले की बेंच ने पीड़िता की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कथित तौर पर महिला के साथ यौन शोषण की घटना अप्रैल 2023 में हुई थी। वहीं पीड़िता ने शिकायत दिसंबर 2023 में दर्ज करवाई। समय सीमा पार होने की वजह से ही लोकल कम्प्लेन कमेटी ने शिकायत खारिज कर दी। यह शिकायत अगर 6 महीने के अंदर भी होती तो इसपर विचार किया जा सकता था।

सेक्शुअल हैरसमेंट ऑफ वुमन ऐट वर्कप्लेस ऐक्ट के सेक्शन 9 के तहत कहा गया है कि पीड़ित मिलाह को लोकल कम्प्लेन कमेटी के पास तीन महीने के अंदर शिकायत करनी होगी। अगर बार-बार उसके साथ दुर्व्यवहार होता है तो शिकायत की समय सीमा 6 महीने तक बढ़ाई जा सकती है। बेंच ने कहा कि इस मामले में कुछ किया नहीं जा सकता लेकिन अगर अपराध हुआ है तो उसे भुलाया भी नहीं जा सकता।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, गलत करने वाले को भुलाया जा सकता है लेकिन उसकी गलत हरकतों को नहीं। याचिकाकर्ता के साथ जो कुछ भी हुआ है, टेक्निकल ग्राउंड पर उसकी जांच नहीं हो सकती लेकिन इसे भुलाया भी नहीं जा सकता। ऐसे में कोर्ट का जो भी निर्णय है उसे वीसी के रेज्यूमे में शामिल किया जाना चाहिए।

याचिकाकर्ता ने कहा था कि वीसी उन्हें अकसर फोन करते थे और बाहर डिनर पर चलने को कहता था। पीड़िता ने कहा कि वह उनके साथ नहीं जाना चाहती और केवल प्रोफेशनल रिश्ते ही रखना चाहती है। वहीं वीसी उसे सेक्शुअल फेवर के लिए धमकाते थे। शिकायत के मुताबिक अप्रैल 2023 के बाद उसके साथ कोई सेक्शुअल हैरसमेंट नहीं हुआ। वहीं अगस्त 2023 में उन्हें सेंटर ऑफ फाइनेंशल रेग्युलेटरी ऐंड गवर्नेंस स्टडीज की डायरेक्टर के पद से हटा दिया गया। कोर्ट ने कहा कि किसी पद से हटाने को सेक्शुअल हैरसमेंट से नहीं जोड़ा जा सकता।

Share:

  • MP : भोपाल में लव जिहाद के आरोपियों के घर पर चला बुलडोजर, तोड़े गए अवैध निर्माण

    Sat Sep 13 , 2025
    भोपाल. मध्य प्रदेश (MP) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में टीआईटी कॉलेज (TIT College) की छात्राओं से दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन (Religion change) के दबाव का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. आरोपियों फरहान, साद और साहिल के अवैध निर्माण पर प्रशासन ने बुलडोज़र (Bulldozers) कार्रवाई शुरू कर दी है. रेप आरोपियों के घर पर […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved