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कश्मीर घाटी में भारी बारिश से सेब की फसल को भारी नुकसान…

September 13, 2025

नई दिल्ली। कश्मीर घाटी (Kashmir valley) में हाल की भारी बारिश और बाढ़ (Heavy rain and flooding) ने सेब किसानों (Apple farmers) को भारी नुकसान पहुंचाया है.नेशनल हाईवे बंद होने से किसानों को करीब 6 से 7 अरब रुपये का नुकसान हो सकता है.कश्मीर का सेब उद्योग इस समय भारी संकट से गुजर रहा है.राज्य में हुई भारी बारिश हुई और उसके बाद आई बाढ़ ने सेब बागानों को तहस-नहस कर दिया.श्रीनगर-जम्मू हाईवे बंद होने से क्षेत्र से बाहर सेब की सप्लाई ठप्प हो गई है, जिससे सेब किसानों और उद्योग को भारी चिंता हो रही है.

26 अगस्त को हुए भूस्खलन के कारण जम्मू और श्रीनगर को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो हो गया है. अनुमान के मुताबिक इससे सेब उद्योग को 6 अरब से लेकर 7 अरब रुपये के बीच नुकसान हो सकता है.


बारिश, बाढ़ और सेब बर्बादमध्य अगस्त की भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ ने राज्य में तबाही मचाई और कई लोगों की मौत हो गई.राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने से फलों से लदे सैकड़ों ट्रक कई दिनों से खड़े हैं.कश्मीर वैली फ्रूट ग्रोवर्स एंड डीलर्स यूनियन के अध्यक्ष बशीर अहमद बशीर ने कहा, “अगर यह जारी रहता है, तो पूरे सीजन को नुकसान होगा, और हमारा सेक्टर ढह जाएगा” उन्होंने ने कहा कि ट्रैफिक में आई रुकावटों ने लागत को बढ़ा दिया, जिससे संकट और बड़ा हो गया.

इस बार एक कार्टन सेब को पैक करने की लागत बढ़कर 200 रुपये हो गई है, जो कि पहले सिर्फ 40 रुपये थी.भारत में सेब उत्पादन कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में केंद्रित है, जिसमें अधिकांश फल घरेलू खपत में इस्तेमाल हो जाते हैं. दो फीसदी से कम निर्यात किया जाता है, जो मुख्य रूप से बांग्लादेश और नेपाल जाता है.दक्षिण कश्मीर की नदियों में आई बाढ़ ने सेब के बागानों को डुबो दिया, यह वक्त सेब को पेड़ों से तोड़ने का था, लेकिन बाढ़ ने पेड़ों को उखाड़ फेंका, फल गिरा दिए और मिट्टी से सने सेबों को बर्बाद कर दिया.

भारतीय रेलवे अब सेब किसानों को राहत देते हुए कश्मीर से दिल्ली सेब पहुंचाने की सुविधा देने जा रहा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे रोजाना चलने वाली पार्सल ट्रेन शुरू करेगी.यह ट्रेन 13 सितंबर से बड़गाम और आदर्श नगर, नई दिल्ली के बीच चलेगी.

रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा बड़गाम और आदर्श नगर के बीच रोजाना चलने वाली पार्सल ट्रेन व्यक्तिगत व्यापारियों और फल उत्पादकों को पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन एक पार्सल वैन बुक करने की सुविधा प्रदान करेगी.

राष्ट्रीय राजमार्ग पर फंसे ट्रक ड्राइवरों के चेहरों पर चिंता साफ नजर आती है, क्योंकि समय के साथ ट्रकों पर लदे सेब सड़ सकते हैं.पिछले 12 दिनों से फंसे ट्रक ड्राइवर आबिद अहमद लोन ने कहा, “मुझे नहीं पता कि इन सेबों के साथ क्या करना है और किसको दोष देना है” उसने बताया कि उसके ट्रक में लदे सेब सड़ गए हैं और उसकी कीमत करीब 10 लाख रुपये थी.इस हाईवे पर कुछ और ट्रक ड्राइवरों का यही हाल है.सेब किसान जो अपने फल को भेजने में कामयाब रहे हैं, वे भी चिंतित हैं. कश्मीर के सेब उद्योग पर जलवायु परिवर्तन के कारण खतरापुलवामा में कीचड़ के बीच सेब के बाग में खड़े शाहिद अहमद ने कहा, “मेरा परिवार पूरी तरह से सेब के बागों पर निर्भर है, लेकिन हाल ही में बाढ़ ने सब कुछ तबाह कर दिया है” उन्होंने बताया कि पहले सेब एक बॉक्स 1600 से 1700 रुपये के बीच बिक जाता था लेकिन अब इन्हें कोई कम कीमत पर भी खरीदने को तैयार नहीं है.

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