
बलिया: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलिया (Ballia) में एक रहस्यमयी मठ (Mysterious Monastery) है, जिसकी मान्यता काफी अजीबो-गरीब है. यहां आज दिन तक कोई ऐसा मठाधीश नहीं रहा, जो जीते जी मठ से कभी बाहर निकला हो. कहावत है कि इस मठ में खुद कपिलमुनि पांडेय (Kapil Muni Pandey) ने तपस्या (Penance) करते हुए एक लक्ष्मण रेखा खींच दी थी. साथ ही आदेश दिया था कि कोई भी मठाधीश इस सीमा को पार न करे. तब से लेकर आज तक इस मठ की परंपरा और डर, दोनों बरकरार हैं. यहां के मठाधीश बाहर की दुनिया नहीं देख सकते हैं.
यह रहस्यमयी मठ बैरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत रकबा टोला गांव में है. इस मठ का नाम मुन जी बाबा की मठिया है. वर्तमान मठाधीश जयनारायण पांडेय के अनुसार- वो इस परंपरा की आठवीं पीढ़ी में महंथ हैं. यह मठ कपिलमुनि पांडेय उर्फ मुन जी बाबा की तपस्थली है. बाबा भक्ति में इतने लीन हो गए थे कि उन्होंने एक लक्ष्मण रेखा खींच दी और वहीं बैठकर तपस्या करने लगे. वे चाहते थे कि अगर भक्ति में शक्ति है तो भगवान स्वयं दर्शन देंगे. तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ने दर्शन दिया, लेकिन बाबा ने वरदान लेने से मना कर दिया और उसी रेखा के भीतर प्राण त्याग दिए. तभी से यह नियम बन गया कि मठ का मठाधीश इस लक्ष्मण रेखा को कभी पार नहीं करेगा. मौत के बाद भी उन्हें मठ के दायरे में ही दफन कर दिया जाता है.
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