
भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) पुलिस आरक्षक (Police Constable) के 7,500 पदों पर भर्ती (Recruitment) के लिए लिए आज से आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। इसकी आखिरी तारीख 29 सितंबर है। ईएसबी (ESB) ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इधर, नोटिफिकेशन जारी होते ही विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, सरकार ने रोजगार पंजीयन (Employment Registration) की अनिवार्यता हटा दी है। युवाओं का कहना है कि यह गलत है। इस शर्त के हटने से बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा और मप्र के युवाओं के अवसर कम होंगे।
गौरतलब है कि 2017 से अब तक तृतीय-चतुर्थ श्रेणी भर्तियों में जीवित रोजगार पंजीयन की शर्त अनिवार्य थी। हाल ही में समूह-2 और उपसमूह-3 की भर्ती में भी यही शर्त लागू थी। हालांकि ईएसबी के अधिकारियों का तर्क है कि पुलिस मुख्यालय से जो नियम मिले हैं, उसमें रोजगार पंजीयन की शर्त का प्रावधान नहीं है।
दरअसल एमपीपीएससी भर्तियों में हाईकोर्ट के आदेश अनुसार अन्य राज्यों के उम्मीदवारों को रोजगार पंजीयन से छूट है। मप्र मूल निवासियों को आवेदन के समय पंजीयन अनिवार्य नहीं, लेकिन इंटरव्यू से पहले प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होता है। अन्य राज्यों के उम्मीदवार भी मप्र रोजगार कार्यालय में ऑनलाइन पंजीयन करा सकते हैं। इसमें दस्तावेजों का सत्यापन नहीं होता और वे किसी भी जिले में पंजीयन करवा सकते हैं। जीवित रोजगार पंजीयन का मतलब है रोजगार कार्यालय में किया गया पंजीकरण। इसे समय-समय पर नवीनीकृत कराना पड़ता है। यदि नवीनीकरण नहीं हुआ तो पंजीयन निष्क्रिय मान लिया जाता है और उम्मीदवार भर्ती के लिए अयोग्य हो जाता है। मप्र सरकार ने 2017 से तृतीय-चतुर्थ श्रेणी भर्तियों में यह शर्त लागू की थी, ताकि राज्य की नौकरियां स्थानीय युवाओं तक सीमित रहें और बाहरी राज्यों से प्रतिस्पर्धा न बढ़े।
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