
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 8वें पोषण माह के साथ ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान’ (‘Healthy Women, Strong Family Campaign’ along with the 8th Nutrition Month) का 17 सितंबर को शुभारंभ करेंगे (Will launch on 17 September) । यह अभियान पूरे देश में महिलाओं, किशोरियों और बच्चों के लिए स्वास्थ्य सेवा और पोषण सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।
इस पहल का नेतृत्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय संयुक्त रूप से कर रहे हैं, जो महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय देश भर में स्वास्थ्य शिविरों और सुविधाओं के माध्यम से निवारक, प्रोत्साहनात्मक और उपचारात्मक स्वास्थ्य सेवाओं के वितरण को बढ़ावा देगा, जबकि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पोषण माह की गतिविधियों को अभियान के साथ एकीकृत करेगा, आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और किशोरियों को संगठित करेगा, और बड़े पैमाने पर पोषण परामर्श और नुस्खा प्रदर्शनों का नेतृत्व करेगा। दोनों मंत्रालय मिलकर एनीमिया की रोकथाम, संतुलित आहार और मासिक धर्म स्वच्छता पर जागरूकता अभियान भी चलाएंगे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि महिलाओं और किशोरियों की स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जरूरतों को समग्र और एकीकृत तरीके से पूरा किया जाए।
स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान का उद्देश्य प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य, पोषण, तंदुरुस्ती और 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है। इस राष्ट्रव्यापी सघन अभियान का उद्देश्य सामुदायिक स्तर पर महिला-केंद्रित निवारक, प्रोत्साहनात्मक और उपचारात्मक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। यह गैर-संचारी रोगों, एनीमिया, तपेदिक और सिकल सेल रोग की जांच, शीघ्र पहचान और उपचार संबंधों को मजबूत करेगा, साथ ही प्रसवपूर्व देखभाल, टीकाकरण, पोषण, मासिक धर्म स्वच्छता, जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से मातृ, शिशु और किशोर स्वास्थ्य को बढ़ावा देगा। साथ ही, यह अभियान मोटापे की रोकथाम, बेहतर पोषण और स्वैच्छिक रक्तदान पर विशेष जोर देते हुए समुदायों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
यह अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक देशभर के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी), जिला अस्पतालों और अन्य सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर आयोजित किया जाएगा। एक लाख से अधिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिससे यह देश में महिलाओं और बच्चों के लिए अब तक का सबसे बड़ा स्वास्थ्य अभियान बन जाएगा। देश भर में सभी सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रतिदिन स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे। केंद्रीय और राज्य के मंत्री, सांसद और अन्य जनप्रतिनिधि इस अभियान में शामिल होंगे। आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वयं सहायता समूह, पंचायती राज संस्थाएं, शहरी स्थानीय निकाय, माई भारत के स्वयंसेवक और युवा समूह जमीनी स्तर पर सामुदायिक लामबंदी का नेतृत्व करेंगे।
गैर-संचारी रोग और स्वास्थ्य: शिविरों में रक्तचाप, रक्त शर्करा और बीएमआई जांच के माध्यम से उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापे की जांच की जाएगी। जोखिम प्रोफाइलिंग, रेफरल और जीवनशैली में बदलाव, पोषण, शारीरिक गतिविधि और तंबाकू सेवन बंद करने पर परामर्श से दीर्घकालिक रोगों का शीघ्र पता लगाने और उनके प्रबंधन में मदद मिलेगी। कैंसर स्क्रीनिंग: महिलाओं को मुख गुहा जांच, स्तन परीक्षण, स्तन स्व-परीक्षण के प्रदर्शन और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर स्क्रीनिंग से लाभ होगा। मौखिक, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर पर जागरूकता सत्रों के साथ-साथ मैमोग्राफी और ऑन्कोलॉजी देखभाल के लिए रेफरल सेवाएं भी उपलब्ध होंगी।
एनीमिया और पोषण: किशोरियों और महिलाओं के लिए बड़े पैमाने पर एचबी परीक्षण और एनीमिया स्क्रीनिंग की जाएगी, साथ ही आईएफए सप्लीमेंट्स और कृमिनाशक गोलियों का प्रावधान भी किया जाएगा। पोषण परामर्श, संतुलित आहार प्रदर्शन, अन्नप्राशन समारोह और स्वस्थ व्यंजनों का प्रदर्शन पोषण जागरूकता को बढ़ावा देगा, जबकि मासिक धर्म स्वच्छता को बढ़ावा देने से किशोरियों को सशक्त बनाया जाएगा। इन प्रयासों को एफएसएसएआई की ईट राइट पहल द्वारा और भी बढ़ावा दिया जाएगा, जो समुदायों में सुरक्षित, स्वस्थ और स्थायी आहार प्रथाओं को बढ़ावा देती है।
संवेदनशील महिलाओं की टीबी जांच, थूक संग्रहण और मोबाइल एक्स-रे इकाइयों से शीघ्र निदान में मदद मिलेगी। मरीजों को इलाज के लिए डॉट्स केंद्रों से जोड़ा जाएगा, जबकि पोषण और मनोसामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए स्वयंसेवकों को निक्षय मित्र के रूप में तैनात किया जाएगा। लक्षित सिकल सेल जांच, सिकल सेल कार्ड वितरण और परामर्श सेवाओं के माध्यम से जनजातीय आबादी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। आनुवंशिक परामर्श और रेफरल दीर्घकालिक देखभाल और रोग प्रबंधन सुनिश्चित करेंगे।
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