
भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सरकारी स्कूलों (government schools) में शिक्षकों की कमी पूरी करने वाले अतिथि शिक्षक आज राजधानी भोपाल पहुंचे हैं। नियमितीकरण, अवकाश समेत अलग-अलग मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन गुरु दक्षिणा कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य सरकार का ध्यान अतिथि शिक्षकों की समस्याओं की ओर आकर्षित करना है।
इस कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह को भी आमंत्रित किया गया है, जिनके समक्ष अतिथि शिक्षक अपनी मांगें रखेंगे। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि अतिथि शिक्षकों के लिए एक स्पष्ट नीति बनाकर उन्हें स्थायीत्व प्रदान किया जाए। अतिथि शिक्षक समन्वय संघ के प्रतिनिधि सुनील सिंह परिहार ने कहा कि इस आयोजन में प्रदेश भर से अतिथि शिक्षक शामिल हुए हैं। संघ की ओर से स्कूल शिक्षा मंत्री को एक प्रस्ताव सौंपा जाएगा।
रायसेन जिले से आई लक्ष्मी पांडे ने बताया कि 2007 से अतिथि शिक्षक व्यवस्था चल रही है। कितनी बार आंदोल कर चुके हैं।विधायकों और मंत्रियों से मिल चुके हैं। हमेशा केवल आश्वासन मिलता है। हमारे भविष्य को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। धीरे-धीरे हमको बाहर निकलते जा रहे हैं। लाडली बहनों के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाडली बहन योजना चला रहे हैं। लेकिन हम लोगों के लिए कुछ भी नहीं क्यों हम उनकी बहनें नहीं है। परमानेंट टीचर की तरह हमसे पूरा काम करवाया जाता है, लेकिन व्यवस्थाएं कुछ भी नहीं दी जा रही हैं। ई-अटेंडेंस व्यवस्था में परमानेंट टीचरों को सैलरी दे दी गई, लेकिन हमको 2 महीने से सैलरी नहीं दी जा रही।
अतिथि शिक्षकों की प्रमुख मांगे
1- अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित किया जाए।
2- सीधी भर्ती, प्रमोशन या अन्य माध्यमों से किसी शिक्षक की नियुक्ति होने पर वर्षों से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को सेवा से बाहर न किया जाए।
3- 18 साल से सेवा दे रहे अनेक अतिथि शिक्षकों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था के बाहर कर दिया जाता है, जो अनुचित है।
4- अतिथि शिक्षकों के लिए भी नियमित शिक्षकों की तरह अवकाश नीति लागू की जाए। जैसे अन्य विभागों में कर्मचारियों को 13 सीएल (कैजुअल लीव), 3 ईएल (अर्जित अवकाश) मिलती हैं, वैसे ही अधिकार अतिथि शिक्षकों को भी दिए जाएं।
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