काठमांडू। सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हुए बीते दिनों नेपाल की Gen-Z ने महज कुछ ही घंटों में सरकार गिरा दी। हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली (K P Sharma Oli) को इस्तीफा देना पड़ा और देश के युवाओं ने अब सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का मुखिया चुना है। इस बीच नेपाल के संविधान दिवस के मौके पर ओली ने बड़ा दावा किया है। पूर्व नेपाली पीएम के मुताबिक नेपाल में हुई यह हिंसा साजिश का हिस्सा थी। उन्होंने देशवासियों से देश की संप्रभुता पर हुए बड़े हमले की रक्षा के लिए लड़ने का भी आह्वान किया है।
केपी शर्मा ओली का संदेश
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के प्रमुख ओली ने इस संदेश में कहा, ‘‘सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया था। प्रदर्शनकारियों पर स्वचालित बंदूकों से गोलियां चलाई गईं, जो पुलिसकर्मियों के पास नहीं थीं और इसकी जांच होनी चाहिए।’’ ओली ने “शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में “घुसपैठ” का दावा करते हुए कहा, “घुसपैठ करने वाले षड्यंत्रकारियों ने आंदोलन को हिंसक बना दिया और इस वजह से हमारे युवा मारे गए।”
संप्रभुता पर हमले से रक्षा की अपील
उन्होंने इस घटना की जांच की मांग भी की। ओली ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मेरे पद से इस्तीफा देने के बाद सिंह दरबार सचिवालय और सुप्रीम कोर्ट को आग लगा दी गई, नेपाल का नक्शा जला दिया गया और कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों को आग लगा दी गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इन घटनाओं के पीछे की साजिशों के बारे में विस्तार से नहीं बताना चाहता, समय खुद ही सब बता देगा।’’ ओली ने कहा, ‘‘नेपाल की सभी पीढ़ियों को एकजुट होना होगा, हमारी संप्रभुता पर हमले का सामना करने और हमारे संविधान की रक्षा करने के लिए।’’
जल्द होंगे चुनाव
नेपाल में 8 और 9 सितंबर को सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान तीन पुलिसकर्मियों सहित 72 लोग मारे गए थे। अब देश में पूर्व मुख्य न्यायधीश सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री का पद संभाल लिया है। उन्होंने देश में सुरक्षा व्यवस्था दोबारा बहाल करवाने और जल्द से जल्द चुनाव कराए जाने का आश्वाशन किया है।
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