
भोपाल। मध्य प्रदेश (madhya Pradesh)के विंध्य में नेताओं की बयानबाजी से सियासी पारा चढ़ा हुआ है। पिछले दिनों भाजपा (BJP) से विधायक और श्रीनिवास तिवारी (Srinivas Tiwari) के पोते सिद्धार्थ तिवारी ने कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता और दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) पर जमकर निशाना साधा। अब इस पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि सिद्धार्थ मेरे पुत्र समान है। उनके परिवार से मेरे घनिष्ठ संबंध थे और रहेंगे। पुत्र “सपूत” या “कपूत” हो सकता है। पिता कभी कुपित नहीं हो सकता। सिद्धार्थ को ईश्वर सदबुद्धि दें। जय सिया राम।
वहीं, दिग्विजय सिंह ने रीवा से कांग्रेस जिला अध्यक्ष इंजीनियर राजेंद्र शर्मा का एक वीडियो शेयर किया। इसमें शर्मा ने सिद्धार्थ तिवारी के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि यह बात बहुत दुर्भग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वह श्रीनिवास तिवारी के परिवार से जुड़ा व्यक्ति हूं। सुंदरलाल तिवारी मेरे राजनीतिक के मार्गदर्शक थे। मैं उस परिवार का सदस्य जैसा था और उस परिवार ने जीवन में मेरी बहुत मदद की। इसलिए मैं रिश्तो की मर्यादा को ध्यान में रखकर बहुत सारी चीजें नहीं बोलूंगा। राजेंद्र शर्ता ने सिद्धार्थ तिवारी की बयानबाजी पर कहा कि उसके तकनीक पर आईये। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह को छोड़िए श्रीनिवास तिवारी 1972 में समाजवादी पार्टी से विधायक बने। अगले ही वर्ष 1973 में समाजवादियों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस ने उनको वहीं से टिकट दिया, जहां से वे विधायक थे। 1980 में कांग्रेस की सरकार बनने पर वह स्वास्थ्य मंत्री बने। इसके बाद विधानसभा के उपाध्यक्ष बने। 1993 और 1998 में दिग्विजय सिंह की कांग्रेस सरकार के दौरान वे विधानसभा अध्यक्ष रहे। 2003 के बाद कांग्रेस की सरकार नहीं आई ऐसे में उनके साथ अन्याय का सवाल ही नहीं उठता।
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