
नई दिल्ली. पाकिस्तान (Pakistan) के खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) की तिराह घाटी में पाकिस्तानी सेना के कत्लेआम की गवाही वहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि दे रहे हैं. इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की सूबे की शाखा ने इसे अपने ही नागरिकों पर ‘जेट-बॉम्बिंग’ कहा है. खैबर पख्तूनख्वा असेंबली के सदस्य अब्दुल गनी आफरीदी ने इस हमले पर पाकिस्तान सेना (Pak Army) पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि तिराह अकाखेल में हमारे ही ‘रक्षकों’ ने बेगुनाह बच्चों, नौजवानों और औरतों को बेरहमी से शहीद कर धरती को खून से रंग दिया है, तो यह मानवता के खिलाफ खुला अपराध है.
तिराह घाटी में पाकिस्तानी एयरफोर्स ने JF-17 लड़ाकू विमानों से 8 बम गिराए हैं, इन हमलों में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई. इनमें बच्चे और महिलाएं शामिल हैं. पाकिस्तानी सेना द्वारा अपने ही नागरिकों पर किए गए हमले में गांव का बड़ा हिस्सा तबाह हो गया और जगह-जगह लाशें बिछ गईं.
फिरोज बलोच नाम के शख्स जो अपने एक्स बायो में खुद रिपोर्टर कहते हैं और मानवाधिकार के मुद्दे पर रिपोर्ट करते हैं, ने इस हमले में मारे गए मासूम बच्चों की दिल दहला देने वाली तस्वीरें शेयर की है. ये तस्वीरें पाकिस्तानी सेना के गुनाहों को तस्दीक करती है. उन्होंने एक्स पर लिखा है, “तिराह घाटी में पाकिस्तानी सेना की बमबारी में 17 निर्दोष नागरिक शहीद हो गए, जिनमें अधिकतर महिलाएं और छोटे बच्चे थे.”
विधायक अब्दुल गनी आफरीदी ने इस हमले में मारे गए बच्चों की दर्दनाक तस्वीरें पेश की है. यहां पाकिस्तानी हमले में मारे गए बच्चे खाट पर लेटे हैं. एक एक कर एक शख्स उनके ऊपर रखी चादरें हटाता है और दहाड़ें मारकर रो पड़ता है.
क्या वो मासूम बच्चे आतंकवादी थे
बता दें कि इस हमले में आफरीदी कबीले के लोग सबसे ज्यादा मारे गए हैं. उन्होंने एक्स पर घटनास्थल की मार्मिक तस्वीरें पेश की है, “ऊपरी तिराह अकाखेल में पाकिस्तानी जेट विमानों की बमबारी ने एक छोटा-सा प्रलय ला दिया है. वो घाटी जहां बच्चे कभी खिलखिलाकर हंसते थे, अब उनकी नन्ही लाशों से भर गई है. वो घर के आंगन जहां मां अपने बेटों के लिए सपने बुनती थीं, आज मलबे और चीखों से गूंज रहे हैं. नौजवानों का खून और मासूम बच्चियों के क्षत-विक्षत शरीर इस बात की गवाही देते हैं कि जुल्म की कोई हद नहीं छोड़ी गई. क्या वो मासूम बच्चे आतंकवादी थे जिनके हाथों में खिलौने थे? क्या वो मांएं अपराधी थीं जिन्होंने अपने घरों में इबादत के दीये जलाए? नहीं! ये खुला अत्याचार है.”
मानवाधिकार कार्यकर्ता जहनवाज वेशा ने ट्वीटकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से सवाल पूछा है, “खैबर पख्तूनख्वा की तिराह घाटी में पाकिस्तानी वायुसेना के हमले में महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 30 लोगों के मारे जाने की खबर है. रात करीब 2 बजे, जेट विमानों ने एक गांव पर 8 एलएस-6 बम गिराए.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद: क्या इन मासूम बच्चों के कोई अधिकार नहीं हैं?”
अब किसी की जुबानें नहीं खुलेंगी
जिया नाम की इमरान खान की समर्थक ने पाकिस्तान हमले में मारे गए एक बच्चे की बेहद तकलीफदेह तस्वीर पोस्टकर पूछा है, “ये गाजा या सीरिया नहीं, बल्कि पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा है. लेकिन इस बार आपका गुस्सा शांत रहेगा, क्योंकि ये खैबर पख्तूनख्वा के एक गरीब परिवार का बच्चा है, अब किसी की जुबानें नहीं खुलेंगी, कोई भौंकेगा नहीं, कोई बकवास नहीं करेगा.”
दुष्प्रचार नरसंहार को नहीं छिपा सकता
एमक्यूएम नेता मुस्तफा अजीजबादी ने तस्वीरें पोस्ट करते हुए पाकिस्तान की सरकार से प्रश्न पूछा है, “यह बेहद दुखद घटना है. क्या ये मासूम बच्चे आतंकवादी हैं? सरकार को इसका जवाब देना चाहिए.”
फहीम मरवत नाम के एक शख्स ने हमले के लिए सीधे पाकिस्तान की सेना को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने लिखा है, “ISPR झूठ फैलाने में व्यस्त है जबकि तिराह वैली में पश्तून बच्चों के शव मलबे से निकाले जा रहे हैं. गांवों को ‘आतंकवादियों का अड्डा’ कहने से सच्चाई नहीं मिटेगी, पाकिस्तानी सेना ने निर्दोष पश्तून बच्चों और महिलाओं पर बमबारी की थी. दुष्प्रचार नरसंहार को नहीं छिपा सकता.
इस बीच पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने इस मामले में गलती मानी है. डॉन के अनुसार इलाके के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “जेट विमानों ने चार घरों को निशाना बनाया जो पूरी तरह से नष्ट हो गए.”
मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि घटना के बाद मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने हर परिवार के लिए 10 लाख पाकिस्तानी रुपये देने की घोषणा की है.
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