
नई दिल्ली । पाकिस्तान (Pakistan) के लिए जासूसी (spying) के लिए मई महीने में गिरफ्तार (arrest) किए गए सीआरपीएफ असिस्टेंट सब इन्सपेक्टर मोती राम जाट (Sub Inspector Moti Ram Jat) को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक जासूसी के लिए पाकिस्तान से उन्हें पैसे भेजे जाते थे लेकिन यह पैसा सीधा पाकिस्तान से नहीं बल्कि भारत के ही लोगों से मिलता था। जानकारी के मुताबिक एजेंसी जल्द ही चार्जशीट कोर्ट में पेश कर सकती है। गौर करने वाली बात है कि मोती राम जाट का पहलगाम में हमला होने से ठीक चार दिन पहले ही दिल्ली ट्रांसफर हो गया था। इससे पहले वह पहलगाम में ही तैनात था।
जाट के अकाउंट की जांच के बाद पता चला कि अक्टूबर 2023 से लेकर अप्रैल 2025 के बीच उसके अकाउंट में पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (PIO) कोडनेम सलीम अहमद ने 1.90 लाख रुपये भिजवाए थे। यह पैसा सीधा नहीं बल्कि व्यापार आधारित मनी लॉनंड्रिंग चैनल से उसके अकाउंट में पहुंचा था। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह पूरा नेटवर्क छोटे कारोबारियों के माध्यम से काम करता है और उन्हें पता भी नहीं चलता कि उनका इस्तेमाल किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि एनआईए को पता चला कि पाकिस्तान के कुछ लग्जरी फैशन ब्रैंड के कपड़े दिल्ली और पटना के छोटे कारोबारियों के पास पहुंच रहे हैं। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के सामान पर 200 फीसदी का शुल्क लगा दिया है। ऐसे में ये सामान यूएई और दुबई के रास्ते आ रहे हैं। यह सामान भारत पहुंचाने के लिए वे यूएई या दुबई का बिल बनाते हैं। इसके बाद दुकानदारों और कारोबारियों से पैसे किसी फोन नंबर पर भेजने को कहा जाता है। ये नंबर भारत में ही पाकिस्तान के लिए जासूरी करने वालों का होता है। दुकानदारों से कहा जाता है कि वे एक बार में 3500 से लेकर 12000 तक कही पेमेंट करें। इस तरह अलग-अलग लोगों के अकाउंट पर पैसे ट्रांसफर करवा लिए जाते हैं।
दुकानदारों को लगता है कि वे सामान लेने के बदले भुगतान कर रहे हैं। हालांकि यह पैसा उनके जासूसी नेटवर्क में काम करने वाले लोगों को मिल जाता है। जाट के अकाउंट में एक अन्य अकाउंट से भी पैसे आए थे जिसका ओनर बैंकॉक से बिजनेस करता है। पीआईओ ऐसे लोगों के संपर्क में रहते हैं। वे टूरिस्ट को बाट के बदले भारतीय रुपये बदलने का ऑफर देते हैं। इसके बाद वे अपने ही किसी भारत के रिश्तेदार को पैसे ट्रांसफर करवा देते हैं। इसके बाद वापस आने पर पैसे उनसे प्राप्त कर लेते हैं या फिर अपने हिसाब से जासूरी के लिए इस्तेमाल करवाते हैं।
इसके अलावा दिल्ली और मुंबई में फोन विक्रेता से जुड़े चैनल का भी पता चला है। वे अकसर दिहाड़ी करने वाले लोगों के पैसे उनके गावों में परिवारों को भेजते हैं। वे कई बार बिना किसी आइडेंटिटी के भी बताए गए अकाउंट में पैसे भेज देते हैं। ऐसे में इनका भी इस्तेमाल किया जाता है। एक जानकार ने बताया कि कुछ इसी तरह जाट के अकाउंट में भी पैसे भिजवाए जाते थे। पैसा डायरेक्ट पाकिस्तान से नहीं बल्कि भारत के ही अकाउंट्स से आता था।
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