
इस्लामाबाद। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) (China-Pakistan Economic Corridor – CPEC) के सुस्त सीमा पर व्यापारियों का विरोध प्रदर्शन (Traders protest) तेज हो गया है। नीतिगत बदलावों की मांग कर रहे व्यापारी धरने पर बैठे हैं, जिससे सीमा पर आवागमन पूरी तरह रुक गया है। इसकी चपेट में चीन पढ़ने जा रहे पाकिस्तानी छात्र भी आ गए हैं, जो अपनी पढ़ाई की डेडलाइन के करीब पहुंचने के कारण परेशान हैं।
प्रभावित छात्रों में से तनवीर जिया ने बताया कि हम पिछले दो दिनों से यहीं फंसे हैं। हमारे कॉलेज पहुंचने की समय सीमा भी समाप्त होने को है। इस धरने की वजह से हमें भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। हम सरकार से गुजारिश करते हैं कि कोई कदम उठाए, ताकि हम समय पर पढ़ाई के लिए जा सकें।
दूसरी ओर छात्र शहजाद हुसैन ने हताशा जाहिर करते हुए कहा कि मुश्किल यह है कि हमने पहले ही टिकटें बुक कर ली हैं और एडवांस पेमेंट भी कर दिया है। अब तो कल ही रवाना होना है, चाहे जो हो जाए। सड़क बंद है और मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या करूं। इस समस्या का तुरंत हल निकालना चाहिए, ताकि छात्र बिना रुकावट के यहां से निकल सकें।
उधर, प्रदर्शन के दौरान व्यापारियों ने अपने शांतिपूर्ण धरने को कुछ मीडिया द्वारा अवैध बताने पर कड़ा विरोध जताया है। गिलगित-बाल्टिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री और मौजूदा विधायक जावेद मनवा ने ऐसी खबरों की आलोचना की और इसे क्षेत्र के अधिकारों के लंबे संघर्ष पर अन्यायपूर्ण प्रहार करार दिया।
जावेद मनवा ने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान के निवासियों के 78 साल पुराने जख्मों को आज मीडिया के ट्रायल से और गहरा किया जा रहा है। क्षेत्र की 23.2 लाख की पूरी जनसंख्या इन प्रदर्शनों में व्यापारियों के साथ एकजुट है। यह आंदोलन को साजिश रचकर कुचलने का नाकाम कोशिश मात्र है।
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