
नई दिल्ली. इटली (Italy) में इस समय बड़े पैमाने पर फिलिस्तीन (Palestine) के समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं. ये प्रोटेस्ट ट्रेड यूनियन (Protest Trade Unions) द्वारा बुलाए गए 24 घंटे की हड़ताल का हिस्सा थे. इससे देशभर में ट्रेन और बसों सहित जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ. इस दौरान हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे, जिससे पुलिस और उनके बीच झड़पें भी हुईं.
ये प्रदर्शन देशभर के 80 से ज्यादा शहरों में हुए जिनमें रोम, मिलान, नेपल्स से लेकर बड़े-बड़े महानगर शामिल थे. इस दौरान लोगों ने Free Palestine और Lets Block Everything के नारे लगाए. सड़कें ब्लॉक की गईं, पोर्ट बंद कर दिए गए और स्कूल-यूनिवर्सिटी बंद रहे. पुलिस के साथ हुई झड़पों के दौरान हिंसा भी हुई. प्रधानमंत्री जियॉर्जियो मेलोनी ने हिंसा की निंदा की.
प्रदर्शनकारियों ने मुख्य रूप से मिलान सेंट्रल स्टेशन पर जमकर तोड़फोड़ की. इस दौरान खिड़कियां तोड़ दी गईं और झंडे जला दिए गए. पुलिस ने आंसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल कर प्रदर्शनकारियों को काबू में करने की कोशिश की. नेपल्स में भी रेलवे स्टेशन पर झड़पें हुईं. बोलोग्ना में मोटरवे ब्लॉक के बाद वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया.
इन झड़पों में 60 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए. वहीं, मिलान में पुलिस ने 10 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया. हालांकि, इटली ने इस महीने की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन को अलग देश के रूप में मानयता देने के पक्ष में वोट किया था. लेकिन मेलोनी ने अब औपचारिक रूप से फिलिस्तीन को अलग राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने का विरोध किया है.
दरअसल इटली में बड़ी संख्या में लोग फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन प्रधानमंत्री मेलोनी इससे लगातार इनकार कर रही हैं. इससे लोगों का गुस्सा भड़क गया. संयुक्त राष्ट्र में हाल ही में फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों ने भी फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने का फैसला किया.
मेलोनी की इस पर क्या राय है?
इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की मांग पर स्पष्ट रूप से विरोध जताया है. 22 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में फ्रांस और सऊदी अरब की सह-अध्यक्षता में शिखर सम्मेलन के बाद जब फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा और बेल्जियम जैसे कई यूरोपीय देशों ने फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने का ऐलान किया तो मेलोनी ने इसे समय से पहले और अनुचित बताया.
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