
इंदौर। तीन साल से ग्रेच्युटी नहीं देने पर श्रम न्यायालय द्वारा संस्था पर ताला जडऩे के निर्देश दे दिए, लेकिन राजस्व अमला आज देकर खाली हाथ वापस लौट आया। धार्मिक आयोजन गरबा को देखते हुए राजस्व अमले ने छूट दे दी, लेकिन इसमें बाद में आवेदक द्वारा राशि का भुगतान नहीं करने पर फिर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एमपी खालसा एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा में संचालित हो रहे खालसा महाविद्यालय के कर्मचारी जसविंदर सिंह भाटिया को ग्रेच्युटी नहीं देने पर श्रम न्यायालय में लगातार 3 साल हक की लड़ाई लड़ी गई। सुनवाई के बाद आवेदक के पक्ष में फैसला भी आया और दिए गए निर्णय के आधार पर उनसे 9 लाख 54 हजार 207 रुपए की राशि वसूली के लिए कल नायब तहसीलदार मल्हारगंज ओमकार मानाग्रे, नाजीर जितेंद्र चौधरी और दल के साथ कॉलेज पहुंचे। आदेश के बावजूद भी कॉलेज प्रबंधन द्वारा भुगतान नहीं करने के लिए धार्मिक आयोजन का बहाना बना लिया।
हालांकि तहसीलदार द्वारा सख्त कार्रवाई के आदेश का पालन करते हुए राशि जमा नहीं करने पर कॉलेज के द्वार पर ताला लगाने के निर्देश दिए तो प्रबंधन गिड़गिड़ाने लगा और राशि जल्द देने की बात कही। उन्होंने बताया कि कॉलेज परिसर में नवरात्रि उत्सव गरबा का आयोजन किया जा रहा है। यहां ताला लगाने से यह आयोजन प्रभावित होगा। उन्होंने 9 लाख की राशि के लिए माता की आराधना के 9 दिन का समय मांगा और लिखित आवेदन दिया। उसके बाद एक सप्ताह का समय दिया है। यदि निर्धारित समय में संस्था राशि जमा नहीं करती है तो कॉलेज परिसर में ताले लगाकर उसे सील कर दिया जाएगा।
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