कर्नाटक। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा (HD Deve Gowda) ने शुक्रवार को कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार की ओर से लागू की जा रही ‘पांच गारंटी’ योजनाओं के कारण राज्य की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है। उन्होंने दावा किया कि कलबुर्गी सहित उत्तरी कर्नाटक के 6 जिलों में गंभीर बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए भी धन नहीं है। जेडीएस (JDS) प्रमुख ने कहा कि वह एक सप्ताह के भीतर कलबुर्गी और आसपास के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे, ताकि स्थिति का जमीनी जायजा ले सकें। उन्होंने यह भी कहा कि वह बाढ़ प्रभावित लोगों की खातिर मुआवजे की मांग करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। देवेगौड़ा ने कहा, ‘पीएम मोदी के साथ मेरे रिश्ते नहीं बदलेंगे। मैंने उनके बारे में कभी बुरा नहीं कहा है।’
एचडी देवेगौड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘गारंटी योजनाओं के कारण राज्य की वित्तीय स्थिति बिगड़ गई है। यह मैं नहीं, बल्कि कांग्रेस विधायक कह रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों में भ्रम की स्थिति है। वे कहते हैं कि इतनी गंभीर बाढ़ से निपटने के लिए भी धन नहीं है। पांच गारंटी योजनाओं में गृह ज्योति के तहत हर घर को 200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाती है। गृह लक्ष्मी योजना के तहत परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये दिए जाते हैं। अन्न भाग्य योजना में बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलो चावल दिया जाता है। युवा निधि योजना के जरिए बेरोजगार स्नातकों को 3,000 रुपये और डिप्लोमा धारकों को 1,500 रुपये दो साल तक मिलेंगे। शक्ति योजना के जरिए महिलाओं के लिए सरकारी गैर-लक्जरी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई है।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए शुक्रवार को कहा कि कर्नाटक में ‘पांच गारंटी’ लागू किए जाने से प्रभावशाली बदलाव आए हैं। स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने बयान में कहा, ‘पिछले दो वर्षों में कर्नाटक सरकार की ओर से लागू की गई 5 गारंटी प्रभावशाली और सार्थक बदलाव लाई हैं। चार प्रतिष्ठित शोध और शैक्षणिक संस्थानों के सम्मिलित स्वतंत्र अध्ययन से तैयार नई रिपोर्ट ने इन गारंटियों के नतीजों का मूल्यांकन किया है। शक्ति योजना के तहत 19 प्रतिशत महिला लाभार्थियों ने बताया कि बसों से मिली गतिशीलता की वजह से उन्हें रोज़गार या बेहतर नौकरी मिली। गृह लक्ष्मी योजना के तहत 94 प्रतिशत महिलाओं ने इस राशि का एक हिस्सा आहार और पोषण को बेहतर बनाने में खर्च किया। 90 प्रतिशत ने स्वास्थ्य सेवाओं पर उपयोग किया। करीब 50 प्रतिशत ने अपने बच्चों की शिक्षा पर खर्च किया।’
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