
नई दिल्ली। सरकार (Government) ने राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme.-NPS) में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा है। पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण (Pension Fund Regulatory and Development Authority- PFRDA) ने इसके लिए एक मसौदा जारी किया है, जिसमें सेवानिवृत्त लोगों को बेहतर और सुनिश्चित आय के लिए तीन नए निवेश विकल्प ला जाएंगे। एनपीएस सदस्य अपनी पसंद और जोखिम के अनुसार इनका चुनाव कर सकेंगे।
प्रस्तावित बदलाव राष्ट्रीय पेंशन योजना को अधिक लचीला और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। अगर ये बदलाव होता है तो यह अबतक का एनपीएस के तहत सबसे बड़ा बदलाव होगा। पीएफआरडीए ने प्रस्तावित मसौदे पर सभी हितधारकों से से सुझाव मांगे हैं।
संबंधित एनपीएस सदस्य, निवेशकों और उससे जुड़े अन्य विशेषज्ञ 31 अक्टूबर 2025 तक लोग अपनी राय ऑनलाइन दे सकते हैं। यह सुधार पेंशनधारकों को सुरक्षा, पारदर्शिता और पहले से अनुमानित योग्य आय देने के लिए लाया गया है। अंतिम निर्णय सुझाव अवधि पूरी होने के बाद लिया जाएगा और फिर नई व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
इसलिए किया जा रहा सुधार
विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान एनपीएस मॉडल में अधिकांश पेंशनभोगियों को यह स्पष्टता नहीं होती कि उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद कितनी पेंशन मिलेगी। नई योजनाएं इसी अनिश्चितता को दूर करने के लिए बनाई जा रही हैं, ताकि सेवानिवृत्ति के बाद आय नियमित और महंगाई से सुरक्षित बनी रहे। सरकार का मानना है कि पेंशन केवल बचत या निवेश का साधन न रहकर, एक स्थायी सुरक्षा कवच बननी चाहिए और ये तीन विकल्प उसी दिशा में एक ठोस कदम हैं।
ये तीन मॉडल उपलब्ध होंगे
1. व्यवस्थित निकासी और नियमित पेंशन योजना
यह विकल्प मिश्रित मॉडल है, जिसमें व्यवस्थित निकासी योजना और पेंशन प्लान (एन्यूटी) दोनों शामिल होंगे। निवेशक अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा निकाल सकते हैं।
ऐसे काम करेगा
– इस योजना में कम से कम 20 साल का योगदान आवश्यक है।
– 45 वर्ष की आयु तक 50% योगदान इक्विटी में निवेश होगा, इसके बाद धीरे-धीरे कम किया जाएगा।
– सेवानिवृत्ति पर व्यवस्थित निकासी योजना के माध्यम से कुल पेंशन फंड का 4.5% मासिक पेंशन मिलेगी। हर साल 0.25% की बढ़ोतरी होगी।
– 70 साल की उम्र में एन्यूटी खरीदकर 20 साल तक निश्चित इनकम प्राप्त होगी। आगे पत्नी या परिवार को भी पेंशन जारी रहेगी।
2. लक्ष्य और महंगाई आधारित योजना
दूसरा विकल्प उन सदस्यों के लिए है, जो चाहते हैं कि उन्हें निश्चित मासिक पेंशन मिले और महंगाई के अनुरूप बढ़ती रहे। यदि कोई चाहता है कि उसे 40,000 रुपये मासिक पेंशन मिले तो इस योजना में उसी लक्ष्य राशि को ध्यान में रखकर निवेश, ब्याज दर और जोखिम को संतुलित किया जाएगा।
कैसे काम करेगा
– इक्विटीज और उच्च रेटिंग वाले बांड में निवेश के माध्यम से निश्चित पेंशन तय की जाएगी। ज्यादा रिटर्न के लिए 25% तक इक्विटी में निवेश संभव है ताकि महंगाई के हिसाब से पेंशन मिलती रहे।
– इस योजना के तहत भी 20 साल का योगदान अनिवार्य है। इस योजना में निकासी अवधि 25 साल तय की गई है। यानी कोई 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होता है तो 85 वर्ष तक पेंशन मिलेगी।
– यदि 25 वर्ष की अवधि पूरी होने से पहले पेंशनधारक की मृत्यु हो जाती है, तो शेष अवधि की पेंशन उसके परिवार को दी जाएगी।
3. पेंशन क्रेडिट आधारित सुनिश्चित पेंशन योजना
इस योजना ‘पेंशन क्रेडिट’ नामक व्यवस्था होगी। इनमें जितने पेंशन क्रेडिट जमा होंगे, उनकी गणना के आधार पर पेंशन अवधि में मासिक भुगतान किया जाएगा।
कैसे काम करेगा
– इसमें मासिक पेंशन के लिए क्रेडिट खरीदना होगा, जो 1, 3, या 5 वर्ष के लिए परिपक्वता के साथ आता है। ग्राहक अपनी सेवानिवृत्ति वर्ष, पेंशन लक्ष्य और निवेश योजना का विकल्प तय कर सकते हैं।
– सदस्य अपने जोखिम के अनुसार विकल्प चुन सकते हैं।
अन्य प्रस्तावित बदलाव
1. एन्युटी (पेंशन योजना) खरीदने की आयु 70 वर्ष तक बढ़ाई जाएगी। अभी तक अधिकतम सीमा 65 वर्ष थी। इससे सेवानिवृत्त व्यक्ति अपनी पूंजी लंबे समय तक निवेशित रख सकेंगे।
2. वर्तमान में एनपीएस से निकासी 60 वर्ष की आयु पर ही संभव है। नए प्रस्ताव में 15 वर्ष पूरे करने के बाद आंशिक निकासी की अनुमति दी जा सकती है।
3. निजी क्षेत्र के पेंशनधारक अपने खाते की पूरी राशि (100 प्रतिशत) तक शेयर बाज़ार में निवेश करने का विकल्प चुन सकेंगे।
4. अब तक सेवानिवृत्ति पर 60 प्रतिशत राशि एकमुश्त निकालने की अनुमति थी। इसे बढ़ाकर 80 प्रतिशत करने पर विचार किया जा रहा है, जबकि केवल 20 प्रतिशत राशि से पेंशन योजना (एन्युटी) खरीदनी होगी।
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