
डेस्क: तेलंगाना हाईकोर्ट (Telangana High Court) ने स्थानीय निकाय चुनावों (Local Body Elections) में पिछड़े वर्गों (OBC) के लिए 42% आरक्षण (Reservation) प्रदान करने वाले सरकारी आदेश (जीओ नंबर 9) पर स्टे लगा दिया है. अदालत ने स्पष्ट किया है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुपालन में कुल आरक्षण 50% से अधिक नहीं होना चाहिए. इस फैसले से राज्य निर्वाचन आयोग को पुरानी आरक्षण व्यवस्था के तहत चुनाव प्रक्रिया चलाने का निर्देश दिया गया है, जिससे लंबित पड़े स्थानीय निकाय चुनावों को गति मिल सकती है.
तेलंगाना चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और जस्टिस जी.एम. मोहिउद्दीन की पीठ ने गुरुवार (09 अक्टूबर, 2025) को सुनवाई के बाद यह अंतरिम आदेश जारी किया. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि जीओ 9 से SC (15%), ST (10%) और OBC (42%) के लिए कुल 67% आरक्षण हो जाता है, जो इंदिरा साहनी मामले (1992) और के. कृष्णा मूर्ति फैसले में निर्धारित 50% सीमा का उल्लंघन है.
अदालत ने राज्य सरकार पर ‘ट्रिपल टेस्ट’ (जनसंख्या डेटा, कमीशन जांच और सीमा पालन) का पालन न करने का आरोप लगाते हुए जीओ 9, 41 और 42 पर रोक लगा दी. शुक्रवार (10 अक्टूबर, 2025) को अर्धरात्रि जारी विस्तृत फैसले में अदालत ने कहा कि अतिरिक्त 17% आरक्षण को ओपन कैटेगरी घोषित कर री-नोटिफाई किया जाए. राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया गया कि पुरानी व्यवस्था (SC 15%, ST 10%, OBC 25%) के तहत चुनाव तत्काल आयोजित करें. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं, बल्कि जीओ में संशोधन है. राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का समय दिया गया है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved