
नई दिल्ली । अरब सागर (Arabian Sea) की लहरों पर तिरंगा लहराते हुए, भारतीय नौसेना (Indian Navy) न केवल भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा कर रही है, बल्कि पड़ोसी पाकिस्तान (Pakistan) को थर-थर कांपने पर मजबूर कर रही है। 2025 के मई में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपनी पश्चिमी फ्लीट तैनात की थी। यह तैनाती मात्र एक संकेत नहीं थी, बल्कि एक चेतावनी- कि पाकिस्तानी नौसेना के लिए यह ‘विनाशकारी’ साबित हो सकती थी। भारतीय सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने हाल ही में खुलासा किया, “पाकिस्तान ने झुक जाना ही बेहतर समझा, वरना नौसेना की कार्रवाई उनके लिए तबाही ला सकती थी।”
यह घटना भारतीय नौसेना की ताकत का प्रतीक मात्र है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के अनुसार, भारत की नौसेना कुल 293 जहाजों के साथ दुनिया की छठी सबसे बड़ी फ्लीट है, जबकि कुल टन भार (5,93,603 टन) के आधार पर पांचवें स्थान पर। अमेरिका, चीन, रूस और इंडोनेशिया के बाद भारत की नौसेना एशिया ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे शक्तिशाली है। लेकिन पाकिस्तान के लिए यह मात्र आंकड़े नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय भय है। आइए, ताजा बयानों और तथ्यों के साथ समझते हैं कि क्यों पाकिस्तान भारतीय नौसेना से कांपता है और भारत वैश्विक पटल पर कहां खड़ा है।
ऑपरेशन सिंदूर: जब अरब सागर में भारतीय नौसेना ने दिखाई ताकत
अप्रैल में पहलगाम हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। यह चार दिनों का संक्षिप्त लेकिन तीव्र संघर्ष था, जिसमें भारत ने पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों पर हवाई और मिसाइल हमले किए। लेकिन समुद्री मोर्चे पर भारतीय नौसेना की भूमिका निर्णायक साबित हुई। डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने 30 मई को कहा, “भविष्य में पाकिस्तान की किसी भी आक्रामकता का जवाब नौसेना की आग्नेय शक्ति से दिया जाएगा।” यह बयान पाकिस्तान के लिए चेतावनी था, क्योंकि ऑपरेशन के दौरान भारतीय नौसेना ने कराची के 300-400 मील दूर अपनी फ्लीट तैनात कर दी- जिसमें एयरक्राफ्ट कैरियर, डिस्ट्रॉयर और फ्रिगेट्स शामिल थे।
पाकिस्तानी थिंक टैंक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैरिटाइम अफेयर्स (NIMA) ने अगस्त में चेतावनी जारी की कि भारत प्री-एम्प्टिव स्ट्राइक्स से पाकिस्तानी नौसैनिक अड्डों को नष्ट कर सकता है। यही वजह है कि पाकिस्तानी नौसेना को पीछे हटना पड़ा। मैक्सर सैटेलाइट इमेजेस से पता चला कि पाकिस्तानी जहाज पूर्व की ओर बढ़ने के बजाय ईरान सीमा के पास ग्वादर बंदरगाह में शरण ले ली। भारतीय नौसेना ने 96 घंटों के अंदर अरब सागर में मिसाइल फायरिंग टेस्ट किए, जो पाकिस्तानी नौसेना को रक्षात्मक मुद्रा में बांध दिए।
एक वरिष्ठ रिटायर्ड भारतीय नौसेना अधिकारी ने बताया, “100 से अधिक ब्रह्मोस मिसाइलें पाकिस्तानी तेल टैंकरों और बंदरगाहों पर निशाना साध रही थीं। पाकिस्तान की वायुसेना पूर्वी मोर्चे पर व्यस्त थी, इसलिए उनका कोई हवाई कवर नहीं था।” यह स्थिति पाकिस्तान के लिए ‘असहाय’ थी। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी विशेषज्ञों ने स्वीकार किया कि 1965 और 1971 के युद्धों की तरह ही नौसेना फिर से निर्णायक भूमिका निभा सकती है।
भारत vs पाकिस्तान: नौसेना की तुलना, आंकड़ों में साफ दिखता है अंतर
भारतीय नौसेना ‘ब्लू वाटर’ नेवी है, जो हिंद महासागर से परे अपनी शक्ति दिखा सकती है। वहीं, पाकिस्तानी नौसेना ‘ग्रीन वाटर’ है, जो मुख्यतः तटीय रक्षा तक सीमित है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के अनुसार, भारतीय नौसेना 293 जहाजों के साथ दुनिया की छठी सबसे बड़ी फ्लीट है और 5,93,603 टन के कुल टन भार के आधार पर पांचवें स्थान पर है। इसके पास 2 एयरक्राफ्ट कैरियर (INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत), 13 डिस्ट्रॉयर, 14 फ्रिगेट्स, 18 पनडुब्बियां और 1,42,251 कर्मी हैं, जिन्हें 81 बिलियन डॉलर के रक्षा बजट का समर्थन प्राप्त है। दूसरी ओर, पाकिस्तानी नौसेना के पास 121 जहाज, कोई एयरक्राफ्ट कैरियर या डिस्ट्रॉयर नहीं, 10 फ्रिगेट्स, 8 पनडुब्बियां, 35,000 कर्मी और 3,50,000 टन का टन भार है, जो 10 बिलियन डॉलर के रक्षा बजट से संचालित है। पाकिस्तान की नौसेना 27वें स्थान पर है।
स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत
भारत के पास स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत है, जो MiG-29K फाइटर्स से लैस है। इसके अलावा, P-8I पोजीडन विमान समुद्री निगरानी में माहिर हैं। पाकिस्तान की ताकत उसके हंगोर-क्लास पनडुब्बियों में है, जो चीनी सहयोग से बनाई गई हैं, लेकिन संख्या में कम हैं। 1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह को नष्ट कर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को ठप कर दिया था- आज भी वही खतरा मंडराता है।
पाकिस्तान की कमजोरी उसकी निर्भरता है- चीन और तुर्की से जहाज खरीदना। लेकिन भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल से 50 से अधिक नए जहाज निर्माणाधीन हैं। हाल ही में, अगस्त 2025 में अरब सागर में भारतीय नौसेना के ड्रिल्स ने पाकिस्तानी नौसेना को भी ड्रिल्स के लिए मजबूर कर दिया।
पाकिस्तान का भय: ऐतिहासिक जख्म और आधुनिक खतरे
पाकिस्तान भारतीय नौसेना से क्यों डरता है? कारण ऐतिहासिक और रणनीतिक दोनों हैं। 1971 के युद्ध में ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ ने पाकिस्तानी नौसेना को ध्वस्त कर दिया। आज, ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल पाकिस्तानी तेल टैंकरों को चंद सेकंडों में डुबो सकती है। कराची बंदरगाह पाकिस्तान के 60% व्यापार का केंद्र है- इसका नुकसान अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगा।
पाकिस्तानी डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ ने अक्टूबर 2025 में कहा, “भारत से युद्ध की संभावना वास्तविक है, लेकिन हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे।” लेकिन पाकिस्तानी थिंक टैंक NIMA ने चेताया कि भारत की प्री-एम्प्टिव स्ट्राइक्स पाकिस्तानी बेस को नष्ट कर सकती हैं। X पर पाकिस्तानी यूजर्स भी मानते हैं कि भारतीय नौसेना ‘अदृश्य खतरा’ है।
वैश्विक पटल पर भारत: टॉप 10 में मजबूत स्थिति
ग्लोबल फायरपावर 2025 में भारत कुल सैन्य शक्ति में चौथे स्थान पर है (पावर इंडेक्स 0.1184), जबकि पाकिस्तान 12वें पर खिसक गया। नौसेना में भारत टॉप 10 में पांचवें (टन भार) और छठे (फ्लीट साइज) स्थान पर। अमेरिका (1), चीन (2), रूस (3) के बाद भारत एशिया की नौसेना महाशक्ति है।
भारत की रणनीति ‘सागर’ (सुरक्षा और विकास के लिए समुद्री सहयोग) पर आधारित है। QUAD (अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) के साथ मलाबार एक्सरसाइज में भागीदारी से हिंद महासागर में वर्चस्व मजबूत हो रहा है। फ्रांस से 26 राफेल-एम जेट्स का सौदा (₹64,000 करोड़) नौसेना को और मजबूत करेगा।
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