
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization- EPFO) की ओर से बुधवार को जारी किए गए स्पष्टीकरण से उन कर्मचारियों को बड़ी राहत (Big relief Employees) मिली है, जो नौकरी छोड़कर अपना व्यवसाय या कारोबार शुरू करने की तैयारी में थे। पहले दावा किया जा रहा था कि नौकरी छोड़ने के 12 महीने बाद ही पूरी रकम निकाली जा सकेगी।
नियमों में बड़े बदलाव
गौरतलब है कि ईपीएफओ ने हाल ही में पीएफ निकासी के नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। खासतौर पर नौकरी छोड़ने या हटाए जाने की स्थिति में कर्मचारी पीएफ खाते से 12 महीने बाद रकम निकाल सकेगा। इसी तरह पेंशन खाते (ईपीएस) से 36 महीने बाद निकासी संभव होगी। पहले दोनों फंड के लिए यह समयसीमा दो महीने थी। इस फैसले के बाद कर्मचारियों में भ्रम और उलझन की स्थिति बन गई थी। विपक्ष ने भी इसका विरोध किया था।
अब इस नियम के बारे में विस्तार से बताते हुए ईपीएफओ ने कहा कि नौकरी छोड़ने के तुरंत बाद कोई भी कर्मचारी 75 प्रतिशत राशि निकाल सकता है और एक साल बेरोजगार रहने के बाद पूरी राशि को निकाला जा सकता है। ईपीएफओ ने बताया कि नए नियमों के तहत शिक्षा या बेरोजगारी के लिए भी निकासी की सीमा को लचीला बनाया गया है और किसी विशेष स्थिति में बिना किसी सवाल या जवाब के साल में 2 बार निकासी के लिए पात्र पूरी राशि को निकाला जा सकता है।
इस मामले से जुड़े जरूरी सवाल-जवाब
1. नौकरी छोड़ने पर पहले पीएफ निकासी के नियम क्या थे?
अब तक यदि कोई ईपीएफओ सदस्य किसी भी कारण से दो महीने तक बेरोजगार रहता है तो वह अपने पीएफ और पेंशन (ईपीएस) खाते से पूरी रकम निकाल सकता था। लेकिन अब ईपीएफओ ने यह अवधि बढ़ा दी है।
2. अब नए नियम क्या हैं?
अब नौकरी छोड़ने के तुरंत बाद ही 75 फीसदी रकम पीएफ खाते से निकाली जा सकेगी। शेष रकम एक साल बाद निकालने की अनुमति होगी।
3. ईपीएफओ को नियमों क्यों बदलाव करना पड़ा?
संगठन के अनुसार, अगर कोई अपनी नौकरी छूटने के दो महीने बाद संपूर्ण राशि निकाल लेता था तो उसकी सेवा अवधि ब्रेक हो जाती थी। 10 साल की निरंतर सेवा पेंशन के लिए अनिवार्य है। बार-बार पैसा निकालने से यह 10 वर्ष की अनिवार्य सेवा पूरी नहीं हो पाती थी और कर्मचारी पेंशन के लाभ से वंचित रह जाता था।
4. बदले नियमों से सदस्यों का क्या फायदा होगा?
नए नियम पीएफ और पेंशन कोष से जल्द रकम निकालने की प्रवृत्ति को रोकेंगे। निकासी की अवधि बढ़ाने से कम लोग अपना पीएफ खाता पूरी तरह बंद करेंगे, जिससे वे एक ही यूएएन खाते (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) के तहत जुड़े रहेंगे। इससे बेरोजगार सदस्य को दो माह फिर से रोजगार मिलता है तो वह ईपीएफओ की योजनाओं से बिना किसी रुकावट के जुड़ा रहेगा। इससे उसकी सेवा अवधि की गणना जारी रहेगी और वह पेंशन पाने का पात्र बना रहेगा।
5. अन्य सदस्य पीएफ खाते से कितनी रकम निकाल सकते हैं?
सदस्य के पीएफ कोष में 25% राशि सेवानिवृत्ति फंड के रूप में सुरक्षित रहेगी। सदस्य अपने पात्र शेष का 100% कभी भी निकाल सकता है। इसके लिए 12 महीने की सेवा पूरी होनी जरूरी है।
6. आंशिक निकासी के क्या प्रावधान किए गए हैं?
कर्मचारी अब शादी और घर आदि के लिए एक-एक साल के अंतराल पर भविष्य निधि से पैसे निकाल सकेंगे। पहले यह सीमा 5-7 वर्ष की थी। विशेष परिस्थिति में रकम बिना किसी कागजात के आसानी से निकाली जा सकती है।
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