
रामपुर। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान (Azam Khan) एक बार फिर बीमार हो गए हैं। उनकी बीमारी का हवाला देते हुए अधिवक्ता ने कोर्ट में स्थगन प्रार्थना पत्र दिया, जिसके चलते आजम से जुड़े मुकदमों में सुनवाई गुरुवार को टल गई। भाजपा नेता और शहर विधायक आकाश सक्सेना (Akash Saxena) ने सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam and) और आजम खान (Azam Khan) पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। आरोप था कि इन्होंने सोची समझी साजिश के तहत अब्दुल्ला आजम के दो पैनकार्ड बनवाए और उनका इस्तेमाल किया। एडीजीसी संदीप सक्सेना ने बताया कि इस मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता के स्थगन के चलते बहस नहीं हुई और सुनवाई टल गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आजम खान को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अब इस केस में सुनवाई के लिए अगली तारीख मुकर्रर कर दी गई है। दूसरी ओर आजम खान के खिलाफ सिविल लाइंस कोतवाली में दर्ज सेना पर विवादित बयान मामले में सुनवाई टल गई, जो अब तीन नवंबर को होगी। उधर, अजीमनगर थाने में आजम पर दर्ज कस्टोडियन की जमीन कब्जाने के मुकदमें में भी गुरुवार को सुनवाई टल गई। आजम के अधिवक्ता की ओर से आजम खां और खुद की बीमारी का हवाला देते हुए स्थगन प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर कोर्ट ने इस केस की सुनवाई के लिए अगली तारीख मुकर्रर कर दी है।
कोर्ट नहीं पहुंचा गवाह, सुनवाई टली
सपा नेता आजम खान के खिलाफ दर्ज गवाह को धमकाने के केस में एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में सुनवाई थी लेकिन, गुरुवार को गवाह तनवीर कोर्ट नहीं पहुंचे, जिस पर सुनवाई टल गई। अब इस केस में छह नवंबर को सुनवाई होगी।
आजम का स्वागत करने पर पीटने का आरोप
उधर, सपा कार्यकर्ता और यादव उत्थान समिति के पूर्व प्रदेशध्यक्ष ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को पत्र भेजकर पुलिस कर्मियों के विरुद्ध क़ानूनी कार्रवाई करवाए जाने की मांग की है।
कोतवाली क्षेत्र के गांव पिपलिया गोपाल का मंझरा गांव निवासी मुकेश यादव द्वारा प्रार्थना पत्र भेजा गया है। उन्होंने बताया कि बीते दिनों सपा के वरिष्ठ नेता मो. आजम खान सीतापुर जेल से रिहा होकर वापस रामपुर लौट रहे थे। वह भी उनके इस्तकबाल के लिए धमोरा के निकट बरेली-रामपुर हाईवे पर खड़े थे। आरोप है कि जैसे ही उन्होंने आजम खान का स्वागत किया तो उनके जाने के बाद शहजाद नगर थाने के पुलिस कर्मियों ने उन्हें दबोच लिया। इसके बाद पुलिस कर्मियों ने उनके साथ बदसुलूकी शुरू कर दी और गंदी-गंदी गलियां दीं। विरोध करने पर वह उन्हें अपने साथ थाने ले गए और यहां उनके साथ जमकर मारपीट की। जिसकी वजह से उसे कई गंभीर चोटें भी आई हैं।
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