
नई दिल्ली । अमेरिका (America) से जारी टैरिफ (Tariff) तनाव के बीच प्रसिद्ध योगगुरू बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने देशवासियों से स्वदेशी वस्तुएं (swadeshi goods) अपनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि टैरिफ आतंकवाद के बावजूद भी भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन गया है। आज दुनिया की ताकतें भारत के बाजार को देख रही हैं। लेकिन हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि भारतीय बाजार को विदेशियों के हाथों लुटने के लिए नहीं छोड़ा जाए।
एजेंसी से बात करते हुए बाबा रामदेव ने कहा दुनिया भर में चल रहे टैरिफ खेल और उस पर भारत की प्रतिक्रिया का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “भारत को स्वतंत्र होना चाहिए। एक तरफ, टैरिफ आतंकवाद चल रहा है, दूसरी तरफ भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन गया है। ऐसे में हमारे देश को विदेशी ताकतों के हाथों लुटने के लिए नहीं छोड़ा जाना चाहिए। हमारे प्रधानमंत्री और हमारे सभी सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठन ‘स्वदेशी’ बनकर अपने देश की रक्षा करने का आह्वान कर रहे हैं। ऐसे में सभी को स्वदेशी की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए।”
दिवाली पर स्वदेशी अपनाएं देशवासी: रामदेव
भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दिवाली से पहले, रामदेव ने लोगों से देश में बने उत्पाद खरीदने का आग्रह किया और कहा कि अगर हर कोई ऐसा करेगा, तो भारत इतना शक्तिशाली हो जाएगा कि कोई भी इसे धमकी देने की हिम्मत नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “दिवाली पर हमारे दीये स्वदेशी होने चाहिए, हमारी रोशनी स्वदेशी होनी चाहिए और सभी उपहार भी स्वदेशी होने चाहिए। अगर हम स्वदेशी होने का संकल्प लें, तो दुनिया की सभी ताकतें भारत के सामने झुक जाएँगी और कोई भी भारत को धमकाने की हिम्मत नहीं करेगा।”
आंख दिखाने वालों की आंख निकाल लेंगे: रामदेव
स्वदेशी अपनाने का संदेश देते हुए रामदेव ने दुनिया को एक कड़ा संदेश भी दिया। उन्होंने कहा, “भारत को आँख जो दिखाएगा, उसकी आँखें हम निकाल लेंगे।” गौरतलब है कि रामदेव का यह बयान अमेरिका समेत उन देशों के लिए है, जो टैरिफ लगाकर भारत को अपने मुताबिक व्यापारिक फैसले लेने के लिए मजबूर करना चाहते हैं। लेकिन भारत सरकार ने ऐसा करने से पूरी तरह से इनकार कर दिया है।
बाबा रामदेव ने आगे कहा कि स्वदेशी अभियान अब तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। और उन्हें लगता है कि देश को मजबूत स्वदेशी राष्ट्र बनने कि लिए 2047 तक का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “स्वदेशी अभियान को अब बदलाव लाने वाला माना जा रहा है। मुझे नहीं लगता कि हमें 2047 तक इंतज़ार करना होगा, बल्कि मुझे लगता है कि अगर हम स्वदेशी के इस अभियान को जारी रखेंगे तो 2040 तक हम एक विकसित देश बन जाएँगे।”
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