
नई दिल्ली । बांग्लादेश (Bangladesh) की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने पिछले साल अगस्त में देश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद पद से इस्तीफा देकर भारत में शरण ली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ महीने पहले हसीना को दिल्ली (Delhi) के लोधी गार्डन (Lodhi Garden) में दो सुरक्षा कर्मियों के साथ टहलते हुए देखा गया था। शेख हसीना ने हाल ही में बांग्लादेश में होने वाले आगामी आम चुनाव, अवामी लीग पार्टी, अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों और अपनी भविष्य की योजनाओं को लेकर खुलकर बात की है। 78 साल की हसीना ने सत्ता से बेदखली के बाद मीडिया से पहली बार बातचीत की है। इससे पहले वह सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए संदेश भेजती रही थीं।
सत्ता में वापसी पर
शेख हसीना ने बताया है कि पिछले साल अगस्त में जब ढाका में हिंसा शुरू हुई और भीड़ उनके आवास तक पहुंच गई थी, तब वह हेलिकॉप्टर से भारत पहुंचीं और तब से वह नई दिल्ली में रह रही हैं। उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में आजादी से रहती हैं, लेकिन परिवार के अतीत को देखते हुए सतर्क भी रहती हैं। हसीना ने याद किया कि 1975 के सैन्य तख्तापलट में उनके पिता और तीन भाइयों की हत्या कर दी गई थी। उस वक्त वह और उनकी बहन विदेश में थीं। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि अवामी लीग पार्टी फिर से बांग्लादेश की राजनीति में वापसी करेगी, चाहे सत्ता में हो या विपक्ष में। उन्होंने कहा, ‘मुद्दा मेरे या मेरे परिवार का नहीं है। बांग्लादेश का भविष्य तभी बेहतर होगा जब देश में संविधान के मुताबिक शासन और राजनीतिक स्थिरता होगी। कोई एक व्यक्ति या परिवार देश का भविष्य तय नहीं कर सकता।’
बांग्लादेश लौटने के लिए रखी एक शर्त
शेख हसीना ने घर लौटने की इच्छा भी जताई है। हालांकि इसके लिए उन्होंने एक शर्त रखी है। उन्होंने कहा, ‘मैं निश्चित रूप से अपने देश लौटना चाहती हूं, लेकिन तभी जब वहां की सरकार वैध हो, संविधान का पालन हो और कानून-व्यवस्था कायम हो। अगर अवामी लीग को चुनाव लड़ने नहीं दिया तो बहिष्कार होगा।’ हसीना ने चेतावनी दी है कि अगर अवामी लीग को 2026 के चुनाव में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई, तो करोड़ों समर्थक चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘अवामी लीग पर लगाया गया बैन ना सिर्फ गलत है बल्कि खुद सरकार के लिए नुकसानदायक है। देश की अगली सरकार को चुनावी वैधता होनी जरूरी है।” हसीना ने आगे कहा, “अवामी लीग को करोड़ों लोग सपोर्ट करते हैं। अगर उन्हें वोट देने से रोका गया, तो लोकतंत्र का सिस्टम कैसे चलेगा?’
यूनुस सरकार का फरवरी में चुनाव कराने का वादा
गौरतलब है कि बांग्लादेश में यूनुस सरकार ने अगले साल फरवरी में चुनाव करवाने का वादा किया है। हालांकि अंतरिम सरकार ने इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा और युद्ध अपराधों के आरोपों का हवाला देकर अवामी लीग की राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। मई 2025 में चुनाव आयोग ने अवामी लीग का रजिस्ट्रेशन भी निलंबित कर दिया था।
हसीना ने कहा, ‘हम अपने समर्थकों से किसी और पार्टी को वोट देने को नहीं कह रहे। हमें उम्मीद है कि सरकार समझदारी दिखाएगी और हमें खुद चुनाव लड़ने देगी।’ हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या बांग्लादेश सरकार से पर्दे के पीछे कोई बातचीत चल रही है या नहीं।
आपराधिक आरोपों पर भी बोलीं हसीना
बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने 2024 के छात्र विरोध प्रदर्शनों पर हिंसक कार्रवाई को लेकर हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों का ट्रायल पूरा कर लिया है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक 15 जुलाई से 5 अगस्त 2024 के बीच करीब 1,400 लोगों की मौत हुई, और हजारों लोग घायल हुए, जिनमें ज्यादातर सुरक्षा बलों की गोलीबारी से जख्मी हुए थे। अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि हसीना ने सुरक्षा एजेंसियों के जरिए विपक्षी कार्यकर्ताओं के अपहरण, टॉर्चर और गुप्त हिरासत का आदेश दिया था। उनके केस पर फैसला 13 नवंबर को आने की उम्मीद है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वह व्यक्तिगत रूप से हिंसक बल प्रयोग या अन्य कथित अपराधों में शामिल नहीं थीं। हसीना ने कहा, ‘ये कार्यवाही राजनीति से प्रेरित एक दिखावा है।” उन्होंने आगे कहा कि आरोप कंगारू अदालतों द्वारा लगाए गए हैं, जिनमें दोषी का फैसला पहले से तय है। हसीना ने कहा, “मुझे पूर्व सूचना या अपना बचाव करने का कोई अवसर तक नहीं दिया गया।’
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved