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Caste Census का ऐतिहासिक पहला चरण आज से, नागरिक स्वयं दे सकेंगे अपनी जातिगत जानकारी

November 01, 2025

नई दिल्‍ली । भारत में पहली बार डिजिटल और जाति आधारित जनगणना की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए जनगणना 2027 के पहले चरण का प्री-टेस्ट (पूर्व परीक्षण) आज से शुरू होने वाला है। इस दौरान गणनाकर्मी (एन्यूमरेटर) अपने-अपने क्षेत्रों में प्रमुख नागरिकों के घर जाकर उन्हें ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से विवरण भरने में मदद करेंगे। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी का कहना है कि यह अभ्यास स्व-गणना मॉड्यूल की प्रभावशीलता जांचने के लिए किया जा रहा है। यह देश की पहली डिजिटल जनगणना होगी और स्वतंत्र भारत में पहली बार जाति आधारित गणना भी शामिल की जाएगी।


एक अखबार ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि स्व-गणना पोर्टल और मोबाइल ऐप को 1 से 10 नवंबर और 10 से 30 नवंबर के बीच सीमित क्षेत्रों में परखा जाएगा। इनका लिंक सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किया जाएगा, ताकि उपयोगिता परीक्षण बिना किसी बाधा के हो सके। इस चरण में घरों से संबंधित लगभग 30 प्रश्न पूछे जाएंगे। जैसे भवन संख्या, मकान की छत और फर्श का प्रमुख पदार्थ, परिवार प्रमुख का नाम और लिंग, घर में रहने वाले व्यक्तियों की संख्या, पेयजल का मुख्य स्रोत, बिजली व्यवस्था, शौचालय की उपलब्धता, खाना पकाने में उपयोग होने वाला ईंधन, टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल, वाहन आदि की जानकारी ली जाएगी।

रजिस्ट्रार जनरल एवं जनगणना आयुक्त ने 16 अक्टूबर को अधिसूचना जारी कर बताया था कि हाउस लिस्टिंग एंड हाउसिंग जनगणना (HLO) का यह प्री-टेस्ट 10 से 30 नवंबर तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चयनित क्षेत्रों में किया जाएगा, जबकि स्व-गणना की सुविधा 1 से 7 नवंबर तक उपलब्ध रहेगी।

अधिकारी के अनुसार, “एन्यूमरेटर पहले चयनित नागरिकों को पोर्टल का पता साझा करेंगे ताकि वे स्वयं ऑनलाइन प्रश्नावली भर सकें। इसके बाद 10 से 30 नवंबर के बीच वे उन्हीं घरों का दोबारा दौरा करेंगे और शेष घरों की जानकारी मोबाइल ऐप पर एकत्र करेंगे।” इन दोनों मॉड्यूल्स को जनगणना प्रबंधन एवं निगरानी प्रणाली से जोड़ा गया है।

कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित जनगणना 2021 को अब जनगणना 2027 के रूप में आयोजित किया जाएगा, जिसकी अंतिम गिनती 1 अप्रैल 2026 से 28 फरवरी 2027 के बीच पूरी होगी।

पिछली जनगणना प्रक्रिया में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को भी अद्यतन किया गया था, लेकिन सरकार ने लोकसभा में स्पष्ट किया है कि इस बार NPR को अपडेट नहीं किया जाएगा। NPR का डेटा वर्ष 2015-16 में अंतिम बार संशोधित किया गया था।

सूत्रों के अनुसार, जाति आधारित प्रश्नों की रूपरेखा अभी अंतिम रूप में तय नहीं की गई है, इसलिए फिलहाल केवल HLO चरण का परीक्षण किया जा रहा है। 2019 में प्रस्तावित जनगणना 2021 के लिए ऐसा परीक्षण 76 जिलों में 26 लाख लोगों को शामिल कर किया गया था।

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