
चेन्नई । अलंगुलम विधायक मनोज पांडियन (Alangulam MLA Manoj Pandian) सत्तारूढ़ डीएमके में शामिल हो गए (Joins ruling DMK) । डीएमके में शामिल होने के कुछ ही देर बाद पांडियन ने घोषणा की कि वह आज अपने विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे।
तमिलनाडु विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष बीएच पांडियन के पुत्र मनोज पांडियन 2017 में वीके शशिकला के खिलाफ विद्रोह के समय ओ. पन्नीरसेल्वम का समर्थन करने वाले शुरुआती नेताओं में से एक थे। एआईएडीएमके से निष्कासित होने के बाद भी पांडियन पन्नीरसेल्वम के करीबी सहयोगी बने रहे और कई राजनीतिक संघर्षों में उनके साथ खड़े रहे। डीएमके में शामिल होने के बाद मीडिया से बात करते हुए पांडियन ने कहा कि उनका यह फैसला तमिलनाडु के वर्तमान राजनीतिक माहौल और उनके व्यक्तिगत मूल्यों पर गहन चिंतन के बाद आया है।
उन्होंने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। एक ऐसे नेता जो द्रविड़ विचारधारा को कायम रखते हैं, चुनौतियों का डटकर सामना करते हैं और बिना किसी समझौते के प्रगति की ओर अग्रसर होते हैं। मेरा मानना है कि उनमें सामाजिक न्याय और समावेशी शासन की भावना कूट-कूट कर भरी है।”
अपने इस्तीफे के बारे में बताते हुए, पांडियन ने कहा, “मैं आज शाम अपने विधायक पद से इस्तीफा दे रहा हूं। यह फैसला मेरे परिवार या व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं है। यह सिद्धांतों और विचारधारा के लिए है। मैं एक ऐसे आंदोलन में शामिल हुआ हूं, जो प्रगतिशील मूल्यों और जन कल्याण के लिए खड़ा है।” पांडियन ने अपनी पूर्व पार्टी, अन्नाद्रमुक पर भी परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण दौर से गुजर रही है।
उन्होंने कहा, “अन्नाद्रमुक अब स्वतंत्र नहीं रही। यह किसी अन्य संगठन के अधीन हो गई है और बाहरी निर्देशों का पालन करती है। यह वह विरासत नहीं है जिसकी कल्पना एमजीआर या जयललिता ने की थी।” मुख्यमंत्री स्टालिन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, पांडियन ने कहा कि द्रमुक नेता ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया है। पांडियन के इस कदम से 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले दक्षिणी तमिलनाडु में द्रमुक का प्रभाव ज्यादा मजबूत होने की उम्मीद है।
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