वाशिंगटन। दुनिया जिस खतरे की आशंका से सिहर रही थी, वही अब धीरे-धीरे साकार होता नजर आ रहा है। एक ओर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन लगातार परमाणु हथियारों का परीक्षण करवा रहे हैं, वहीं अमेरिका ने भी अब अपने हथियारों का बॉक्स खोल दिया है और एक-एक करके घातक न्यूक्लियर मिसाइलें बाहर ला रहा है। इसी सिलसिले में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने बिना वॉरहेड वाली मिनटमैन-3 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का सफल परीक्षण किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मिसाइल कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग एयर फोर्स बेस से लॉन्च की गई।
जानकारी के अनुसार, यह मिसाइल करीब 50 वर्ष पुरानी है, लेकिन इसकी रेंज बेहद विनाशकारी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह सीधे रूस और चीन जैसे देशों को निशाना बना सकती है। माना जा रहा है कि रूस की ‘अनलिमिटेड रेंज’ वाली मिसाइल का यह जवाब है। अमेरिकी स्पेस फोर्स के आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया गया है कि ‘ग्लोरी ट्रिप 254’ नामक इस परीक्षण का उद्देश्य मिसाइल सिस्टम के प्रदर्शन की पुष्टि करना, साथ ही अमेरिकी ICBM क्षमता की लगातार सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए डेटा संग्रह करना था।
प्रत्येक मिसाइल एक न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम है और इसकी मारक क्षमता करीब 13000 किलोमीटर तक है। बता दें कि मिनटमैन-3 को 1970 के दशक में तैनात किया गया था। अब इसे नए LGM-35A सेंटिनल सिस्टम से प्रतिस्थापित करने की योजना है, जो अभी विकास के चरण में है। अनुमान है कि सेंटिनल 2030 तक तैयार होगा, तब तक मिनटमैन-3 के परीक्षण जारी रहेंगे।
अमेरिकी स्पेस फोर्स की ओर से जारी बयान में लेफ्टिनेंट कर्नल कैरी रे ने कहा कि GT-254 महज एक लॉन्च नहीं, बल्कि ICBM सिस्टम की अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को पूरा करने की क्षमता का व्यापक मूल्यांकन है। उन्होंने आगे कहा कि टेस्टिंग से प्राप्त डेटा ICBM हथियार प्रणाली की निरंतर विश्वसनीयता और सटीकता को मजबूत करने के लिए जरूरी है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved