
नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) अंगोला और बोत्सवाना की छह दिवसीय राजकीय यात्रा पर (For Six-day state visit to Angola and Botswana) रवाना हो गईं (Leaved) ।
राष्ट्रपति के इस दौरे को कई मायनों में बेहद खास माना जा रहा है। भारत की राष्ट्रपति की यह यात्रा 8 से 13 नवंबर तक चलेगी। भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की दोनों देशों की पहली यात्रा होगी। यही वजह है कि इसे ऐतिहासिक माना जा रहा है। अपनी इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी। इसके अलावा, वह दोनों देशों की संसदों को भी संबोधित करेंगी और प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेंगी। इसके साथ ही वह लुआंडा और गबोरोन में प्रवासी भारतीयों से बातचीत करेंगी।
विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) सुधाकर दलेला ने कहा, “राष्ट्रपति 8 से 13 नवंबर तक अंगोला और बोत्सवाना की राजकीय यात्रा पर रहेंगी। यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की अंगोला और बोत्सवाना की पहली राजकीय यात्रा होगी।” विदेश मंत्रालय की तरफ से आगे कहा गया, अफ्रीका के साथ भारत का जुड़ाव बढ़ रहा है। दोनों देशों के बीच राजनीतिक, व्यापार, आर्थिक और विकास साझेदारी समेत सभी प्रमुख क्षेत्रों में संबंध गहरे हो रहे हैं।
सचिव दलेला ने कहा कि भारत की अफ्रीका नीति 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 10 सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है। भारत-अफ्रीका फोरम समिट सहयोग के लिए एक व्यापक रूपरेखा के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा, “हाल के वर्षों में अफ्रीका में 17 नए मिशनों के खुलने के साथ भारत की राजनयिक उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।” अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लौरेंको मई में भारत आए थे। उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू को अंगोला की 50वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। अंगोलाई राष्ट्रपति के निमंत्रण पर राष्ट्रपति मुर्मू 8 से 11 नवंबर तक वहां की यात्रा करेंगी।
इसके अलावा, भारत और अंगोला इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। अंगोला के राष्ट्रपति वर्तमान में अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष हैं। इसलिए इन सभी कारणों से राष्ट्रपति की यात्रा महत्वपूर्ण है। अंगोला के बाद 11 से 13 नवंबर तक राष्ट्रपति मुर्मू राष्ट्रपति ड्यूमा गिदोन बोको के निमंत्रण पर बोत्सवाना की यात्रा करेंगी। यह राजकीय यात्रा बोत्सवाना के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोत्सवाना में राष्ट्रीय सभा को संबोधित करेंगी, गणमान्य व्यक्तियों से मिलेंगी और प्रौद्योगिकी, फार्मास्यूटिकल्स, ऊर्जा और कृषि में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा करेंगी। विदेश मंत्रालय ने प्रोजेक्ट चीता के तहत भारत के सहयोग के बारे में कहा कि बोत्सवाना से चीतों के ट्रांसलोकेशन पर चर्चा अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है।
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