
नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) का अगले महीने भारत (India) का संभावित दौरा बेहद खास होने वाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पुतिन के इस दौरे पर भारत और रूस (India and Russia) के बीच कई समझौतों के अलावा एक ऐतिहासिक मोबिलिटी डील (Historic mobility deal) पर सहमति बन सकती है। यह डील कई मायनों में अहम होगी। जानकारी के मुताबिक इसके तहत 70 हजार से ज्यादा भारतीयों के लिए रूस में स्किल्ड रोजगार के अवसर खुलेंगे। यह खबरें ऐसे समय में सामने आई हैं जब अमेरिका ने हाल ही में वीजा धारकों के लिए शुल्क में भारी बढ़ोतरी का ऐलान किया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत और रूस के बीच संभावित मोबिलिटी डील का उद्देश्य लीगल माइग्रेशन, वर्कर्स के अधिकारों की सुरक्षा और रूस में स्किल्ड इंडियंस के लिए एक संरचित ढांचा तैयार करना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह समझौता रूस में मौजूदा भारतीय श्रमिकों के हितों की रक्षा करेगा और साथ ही मैन्युफैक्चरिंग, कपड़ा, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में हजारों नए रोजगार के अवसरों का रास्ता खोलेगा।
इसके अलावा, रूसी श्रम मंत्रालय द्वारा निर्धारित कोटा के तहत, इस डील को मंजूरी मिलने से इस साल के अंत तक, 70,000 से अधिक भारतीय नागरिकों के रूस में आधिकारिक रूप से एम्प्लॉयड होने की उम्मीद है।
इस बीच रूस स्थित भारतीय व्यापार गठबंधन (आईबीए) ने इस समझौते का स्वागत किया है और इसे भारत-रूस संबंधों को गहरा करने में एक मील का पत्थर बताया है। आईबीए के अध्यक्ष सैमी मनोज कोटवानी ने बातचीत के दौरान कहा, “भारत के पास दुनिया भर में सबसे गतिशील और कुशल कार्यबलों में से एक है और रूस औद्योगिक परिवर्तन के एक बड़े दौर से गुजर रहा है। इस समझौते से दोनों देशों को फायदा होगा। यह समझौता ना सिर्फ रूस की श्रम आवश्यकताओं को पूरा करेगा बल्कि भारतीय पेशेवरों के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक रोजगार भी सुनिश्चित करेगा।”
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