
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि वरिष्ठ वकील (Senior Lawyers) व्यक्तिगत रूप से नहीं (Not in Person) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हो सकते हैं (Can Appear through Video Conferencing) ।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण हर दिन लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने भी टिप्पणी की है और इस स्थिति को ‘बहुत गंभीर’ बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए वरिष्ठ वकीलों को यह नसीहत दी है। जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने कोर्ट रूम में मौजूद वरिष्ठ वकीलों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदूषण की स्थिति बहुत खराब है। आप सब लोग अभी कोर्ट क्यों आ रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी सुनवाई की सुविधा उपलब्ध है। आप उसका इस्तेमाल कीजिए। प्रदूषण का नुकसान स्थायी हो सकता है।
कोर्ट में मौजूद वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हम वकील मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि ऐसी हालत में मास्क भी अपने आप में काफी नहीं है। ये भी बहुत काम नहीं आ सकता। हम चीफ जस्टिस से भी इस बारे में चर्चा करेंगे कि ऐसी स्थिति में क्या किया जा सकता है।
जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस अतुल एस चांदुरकर की बेंच ने यह टिप्पणी कोर्ट रूम में वरिष्ठ वकीलों की मौजूदगी के मद्देनजर की। बुधवार को चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने पंजाब और हरियाणा से पूछा था कि उनकी ओर से पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
दिल्ली में गुरुवार को भी दिनभर घना स्मॉग देखने को मिला और वायु गुणवत्ता भी लगातार तीसरे दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से जारी सुबह के वायु गुणवत्ता बुलेटिन में एक्यूआई 404 दर्ज किया गया, जो लोगों के लिए नुकसानदायक है। राजधानी और आसपास के शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। वायु प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि इमारतें और सड़कें मुश्किल से दिखाई दे रही हैं।
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