
जबलपुर। डुमना एयरपोर्ट के विस्तार पर साढ़े 400 करोड़ रुपए खर्च होने के बावजूद शहर को अपेक्षित एयर कनेक्टिविटी नहीं मिली है। विमान कंपनियों के उदासीन रुख से जहां फ्लाइटें बढऩे के बजाय लगातार घटती गईं, वहीं हाईकोर्ट के निर्देश पर 31 अक्टूबर को हुई महत्वपूर्ण बैठक में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सुनील जैन ने कई अहम सुझाव दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जबलपुर में फ्लाइट बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को एयरलाइंस को फ्यूल सरचार्ज सब्सिडी व अन्य प्रोत्साहन योजनाएं देनी होंगी, तभी एयरलाइंस नए रूटों पर उड़ान शुरू करने में रुचि दिखाएँगी।
केंद्र-राज्य सचिवों की कमेटी बनाने का सुझाव
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के सचिवों की संयुक्त कमेटी बनाई जाए।डीजीसीए के वरिष्ठ अधिकारी और एयरलाइंस के निदेशक शामिल हों।बैठक दिल्ली में हो, ताकि जबलपुर को बेहतर एयर कनेक्टिविटी देने पर विस्तृत चर्चा हो सके।
नागरिक उपभोक्ता मंच ने स्वागत किया
इस प्रस्ताव का नागरिक उपभोक्ता मंच ने समर्थन किया है। मंच संरक्षक डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने कहा कि उन्होंने भी मॉनिटरिंग कमेटी व जबलपुर की आर्थिक क्षमता के सर्वे का सुझाव दिया था, जिन्हें सॉलिसिटर जनरल ने स्वीकार किया। डॉ. नाजपांडे ने बताया कि फ्यूल सरचार्ज कम करने का आश्वासन पूर्व में हाईकोर्ट में दिया गया था, क्योंकि यही सबसे बड़ा कारण है कि एयरलाइंस जबलपुर में निवेश से हिचकती हैं।
इंदौर की 100+, भोपाल की 50, जबलपुर में सिर्फ 6 फ्लाइटें
हाईकोर्ट में दायर याचिका में बताया गया है कि इंदौर से रोजाना 100 से ज्यादा फ्लाइट,भोपाल से 50 फ्लाइट लेकिन जबलपुर से केवल 6 फ्लाइट ही उड़ान भर रही हैं। वर्तमान में जबलपुर से इंडिगो की दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बिलासपुर और एलायंस एयर की दिल्ली व मुंबई के लिए फ्लाइटें ही उपलब्ध हैं। प्रति सप्ताह कुल उड़ानें मात्र 47 रह गई हैं। माना जा रहा है कि जबलपुर में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए अब केंद्र और राज्य दोनों को सक्रिय कदम उठाने होंगे; अन्यथा 400 करोड़ का विस्तार भी शहर के काम नहीं आएगा।
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