
उज्जैन। अमृत मिशन योजना के तहत शिप्रा को साफ रखने और शहर को खुले नाले-नालियों से मुक्त के लिए निगम ने 6 नवंबर 2017 को शहर में भूमिगत सीवरेज पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू कराया था। इस काम को दो वर्ष में पूर्ण करना था, लेकिन नए साल 2025 में इस अधूरे प्रोजेक्ट को 8 साल हो जाएंगे। यह काम इस वर्ष 2024 में 30 जून तक पूरा करने की समय सीमा दी गई थी। इसके बाद भी कार्यकाल बढ़ाया गया लेकिन यह साल भी गुजरने वाला है।
उल्लेखनीय है कि अमृत मिशन 1.0 मिशन में तय किया गया था कि ठेका कंपनी नवंबर-2019 तक कंपनी शहर में 413 किमी लंबी पाइपलाइन का नेटवर्क बिछाएगी और सुरासा में ट्रीटमेंट प्लांट बनाएगी। 96 माह से अधिक गुजर गए लेकिन कंपनी ने अब तक 296 किलोमीटर में ही पाइप लाइन बिछाई है। ट्रीटमेंट प्लांट का काम भी अधूरा है। शहर के अनेक क्षेत्रों पाइप लाइन बिछाने के बाद भी प्रोजेक्ट का उद्देश्य इसलिए भी पूरा नहीं हो रहा है कि लाईनों को आपस में जोड़ा ही नहीं जा सका है। प्रोजेक्ट अधूरा होने के कारण सीवरेज के चैंबर को घरों से जोडऩे का काम शुरू ही नहीं हुआ है। इधर पिछले 8 सालों से प्रोजेक्ट अधूरा है और नए वर्ष में इसे 9 साल हो जाएंगे। बता दें कि पाइप लाइन बिछाने का ठेका देते वक्त एक महत्वपूर्ण शर्त रखी गई थी। इसमें पाइप लाइन बिछाने के बाद सडक़ों का निर्माण सडक़ की पूर्व की स्थिति के अनुसार करना होगी। इस शर्त का तो जैसे पालन नहीं हो रहा है। ठेका कंपनी काम में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रख रही है। सड़कों के निर्माण और मरम्मत का दिखावा किया जाता रहा है। लापरवाही पर निर्माण कंपनी ने प्रोजेक्ट में विलंब के लिए कई कारणों का सहारा लिया गया। प्रोजेक्ट में देरी के लिए नगर निगम के अधिकारियों, ठेका कंपनी ने सर्वे समय पर नहीं होने, पाइपलाइन डिजाइन की मंजूरी देरी मिलने, जनहित याचिका,कोविड और चुनावों के साथ-साथ बरसात को आधार बनाकर काम की अवधि में लगतार वृद्धि की जाती रही। लापरवाही का आरोप लगने और काम के लिए दबाव सामने आने पर नगर निगम ने केवल पेनल्टी लगाई। इसके तहत सीवरेज प्रोजेक्ट कार्य 9 बार समय अवधि पूरा होने के बाद भी पूरा नहीं हो पा रहा है। प्रोजेक्ट टाटा कंपनी और नगर निगम के बीच झूल रहा है। वहीं कंसल्टेंट एजेंसी द्वारा साइट क्लियर नहीं होने का हवाला देकर काम रोक दिया था। 1 फरवरी 2024 को कलेक्टर द्वार कंपनी को निर्देशित किया था कि एक किलोमीटर सीवरेज लाइन मेनहोल, आईसी सहित विशेष 43 किलोमीटर सीवरेज नेटवर्क के कार्य को करते हुए 30 जून तक पूरा करना था। परंतु कंपनी ने इसका भी पालन नहीं किया। इसके बाद भी नगर निगम और जिला प्रशासन द्वारा ठेका कंपनी को निर्देश दिए गए तथा समय अवधि बढ़ाई गई। फिर भी यह प्रोजेक्ट अधूरा ही है।
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