
उज्जैन। चुनाव आयोग के निर्देश पर शुरू किए गए मतदाता सूची के पुनरीक्षण के अभियान में उन लोगों को कोई तकलीफ नहीं आएगी जिनके द्वारा धर्म परिवर्तन कर लिया गया है। ऐसे लोगों के नाम को 2003 की मतदाता सूची में उनके परिवार के नाम के साथ लिंक कर लिया जाएगा।
चुनाव आयोग के द्वारा पूरे देश में 2003 में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का कार्य कराया गया था। इसके बाद अब 22 साल के अंतराल के बाद यह काम फिर से हो रहा है। इस बार जब मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का कार्य शुरू हुआ तो सबसे बड़ा प्रश्न यह आया कि जिन लोगों के द्वारा धर्म परिवर्तन करते हुए दूसरे धर्म में विवाह कर लिया गया है उन लोगों के नाम को मतदाता सूची में बनाए रखना कैसे संभव होगा? ऐसे व्यक्तियों से जब उनके माता-पिता के आधार कार्ड और दस्तावेज मांगे जाएंगे तो वह उनके पास उपलब्ध नहीं होंगे। ऐसे में इन लोगों के नाम क्या मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे? इस तरह के प्रश्न पिछले दिनों जिला निर्वाचन कार्यालय के समक्ष आए थे। निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों को भी इन प्रश्नों से चुनौती महसूस हुई। राज्य निर्वाचन कार्यालय के द्वारा हर दिन की जा रही वीडियो कांफ्रेंस में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के अभियान के तहत किए गए और किया जा रहे कामों की समीक्षा की जा रही है। इस समीक्षा के साथ ही इस कार्य में क्या समस्या आ रही है वह भी सुना और समझा जा रहा है तथा उसका समाधान किया जा रहा है। इस दौरान ही यह मामला भी सामने आया कि जिन लोगों के द्वारा धर्म परिवर्तन कर लिया गया है उनके नाम मतदाता सूची में किस तरह से कायम रखे जाएंगे। इस पर राज्य कार्यालय के द्वारा मार्गदर्शन दे दिया गया है। निर्वाचन कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि धर्म परिवर्तन कर लेने वाले लोगों से उनके माता-पिता के नाम लिए जाएंगे। उसके बाद में उनके माता-पिता के नाम के आधार पर उनके परिवार को लिंक कर लिया जाएगा और उसके आधार पर धर्म परिवर्तित कर लेने वाले व्यक्ति के नाम को भी मतदाता सूची में कायम रखा जाएगा। निर्वाचन कार्यालय ने इस धारणा को गलत बताया है कि जिन लोगों ने धर्म परिवर्तन कर लिया है और उनके पास अपने माता-पिता के दस्तावेज नहीं है तो ऐसे लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे। इसके साथ ही निर्वाचन कार्यालय के द्वारा यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि कहीं भी धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को अपने नाम को मतदाता सूची में कायम रखने में कोई समस्या आती है तो वह अपने विधानसभा क्षेत्र के इस अभियान के प्रभारी से संपर्क कर सकता है।
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