
नई दिल्ली: शेयर बाजार फिर से तेजी की ओर बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को भी मार्केट का प्रमुख सूचकांक सेंसक्स 388.17 अंक की तेजी के साथ 84,950.95 पर बंद हुआ. वहीं, अगर बीते 5 कारोबारी दिन की बात करें तो मार्केट ने 1,604.47 अंक की शानदार तेजी दर्ज की रही है. मार्केट में तेजी के पीछे के वैसे तो फंडामेंटल से लेकर टेक्निकल तक कई कारण हैं.
मगर जो एक चीज साफ नजर आती है वह है ग्लोबल टेंशन में आने वाली कमी. बहुत दिनों से चल रही भारत-अमेरिका व्यापार पर बातचीत पूरी होने की उम्मीद है. मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि दोनों देश नवंबर के अंत तक लगभग अंतिम समझौते की घोषणा कर सकते हैं.
भारत पर अमेरिका की ओर से लगाया गया 50 प्रतिशत टैरिफ इस साल भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के सबसे बड़े कारणों में से एक रहा है. जैसे-जैसे एक संभावित सौदा नजदीक आता दिख रहा है, क्या इससे घरेलू शेयर बाजार में रुझान उलट सकता है?
हालांकि, भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापार समझौता बाजार के लिए एक बड़ा सकारात्मक कदम हो सकता है, लेकिन इसकी संभावना काफी हद तक बाजार की चाल पर निर्भर करती है. अगर यह समझौता टैरिफ को 1516% के बीच लाता है, तो कपड़ा, रत्न और आभूषण जैसे सेक्टर को काफी राहत मिलेगी. लेकिन यह पूरे बाजार में बड़ी तेजी नहीं ला पाएगा.
रिपोर्ट के अनुसार, रेलिगेयर ब्रोकिंग के रिसर्च प्रमुख अजीत मिश्रा ने कहा कि यह जरूर एक अच्छा कदम होगा. मनोवैज्ञानिक तौर पर बाजार में थोड़ी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है. लेकिन हाल की मार्केट चाल बताती है कि इस उम्मीद का कुछ हिस्सा पहले से ही कीमतों में शामिल हो चुका है. मिश्रा के अनुसार, उन सेक्टरों में खरीद बढ़ सकती है जो अभी तक गिरावट में थे. जैसे कपड़ा, रत्न-आभूषण और इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने वाली कंपनियां. खासकर वे कंपनियां जो अमेरिका को मोबाइल फोन निर्यात करती हैं, उन्हें फायदा हो सकता है. इसलिए, तेजी पूरे बाजार में नहीं बल्कि कुछ चुनिंदा सेक्टरों में ही देखने को मिलेगी.
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