
क्रिश्चियन कॉलेज की 1 लाख 83 हजार स्क्वेयर फीट जमीन पर लटकी तलवार, हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत
धारा 182 के तहत सुनवाई कर रहे कलेक्टर के समक्ष ही कॉलेज प्रबंधन को देना पड़ेगा जवाब
– 01.12.1887 को महाराजा होलकर ने शर्तों के साथ दी थी जमीन
– कस्बा इंदौर की 407, 1669/3 में शामिल है 17020 वर्गमीटर जमीन
– मिशन के स्थान पर यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्दन इंडिया ट्रस्ट द्वारा कॉलेज का संचालन
– कलेक्टर द्वारा जारी नोटिस पर कॉलेज प्रबंधन हाईकोर्ट गया, मगर नहीं मिल सकी राहत
– जाने-माने पाश्र्व गायक किशोर कुमार सहित कई हस्तियां पढ़ी हैं क्रिश्चियन कॉलेज में
– नगर तथा ग्राम निवेश से कॉलेज प्रबंधन ने मांगी व्यावसायिक उपयोग की अनुमति
– प्रशासक ने कोई भी अभिन्यास मंजूर ना करने के दिए निर्देश
इंदौर, राजेश ज्वेल
गायक (singer) स्व. किशोर कुमार (Kishore Kumar) सहित कई हस्तियां जिस क्रिश्चियन कॉलेज (Christian College) में पढ़ी, उसकी 400 करोड़ रुपए (400 crore rupees) से अधिक की जमीन को प्रशासन (Administration) ने सरकारी नजूल माना है और उसी आधार पर नगर तथा ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक को निर्देश दिए कि किसी भी तरह की मंजूरी उक्त जमीन पर ना दी जाए। कॉलेज प्रिंसिपल ने व्यावसायिक उपयोग के लिए नगर तथा ग्राम निवेश से मंजूरी मांगी और साथ ही नजूल से उसकी एनओसी चाही गई, जिस पर कलेक्टर शिवम वर्मा ने 4 पेज का पत्र नगर तथा ग्राम निवेश को भिजवाया और धारा 182 के तहत इस मामले की सुनवाई अपनी कोर्ट में शुरू की।
138 साल पहले महाराजा होलकर ने 01.12.1887 को कुछ शर्तों के साथ कस्बा इंदौर स्थित जमीन सर्वे नम्बर 407/169/3, कुल रकबा 1720 वर्गमीटर यानी 1 लाख 83 हजार स्क्वेयर फीट से अधिक जमीन स्कूल और महिला अस्पताल के लिए शर्तों के साथ अनुदान पर दी थी। इस जमीन का उपयोग मिशन की बजाय केनेडियन चर्च यूसीएनआई द्वारा किया जा रहा है और वर्तमान में ना तो कोई महिला हॉस्पिटल संचालित है और स्कूल की एक बिल्डिंग भी जीर्ण-शीर्ण हालत में मौजूद है और केनेडियन चर्च द्वारा अनुदान में मिली जमीन का अन्य उपयोग किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। चूंकि होलकर स्टेट का विलय होने के बाद उत्तराधिकार के रूप में मध्यप्रदेश शासन है, जिसका प्रतिनिधित्व जिले के कलेक्टर द्वारा किया जाता है। लिहाजा भू-राजस्व संहिता की धारा 182 के तहत उक्त प्रकरण की सुनवाई की जा रही है और उक्त जमीन सरकारी नजूल भूमि है और उक्त भूमि संस्था से वापस शासन द्वारा ली जा सकती है। लिहाजा इस पर किसी तरह के प्रोफेशनल ऑफिसेस या अन्य उपयोग के नक्शे की मंजूरी ना दी जाए। कलेक्टर श्री वर्मा के इस पत्र के बाद कॉलेज प्रबंधक ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मगर हाईकोर्ट ने भी उक्त याचिका निरस्त करते हुए निर्देश दिए कि चूंकि कलेक्टर कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है। लिहाजा कॉलेज प्रबंधक वहीं पर अपना जवाब प्रस्तुत करे। इस तरह फिलहाल हाईकोर्ट से कॉलेज प्रबंधन को कोई राहत नहीं मिल सकी। उल्लेखनीय है कि क्रिश्चियन कॉलेज बीच शहर में मौजूद है, जिसकी उक्त जमीन वर्तमान में 400 करोड़ रुपए से अधिक कीमत की है और इसका पिछले कई समय से व्यावसायिक उपयोग करने की जुगाड़ की जाती रही है, जिसके चलते कुछ समय पूर्व नगर तथा ग्राम निवेश के अभिन्यास मंजूरी के लिए आवेदन लगाया, जिसके चलते नगर तथा ग्राम निवेश ने प्रशासन को पत्र भेजते हुए नजूल एनओसी लाने के निर्देश कॉलेज प्रबंधन को दिए। जब एनओसी का यह मामला प्रशासन के संज्ञान में आया, तब उसने इस पूरे मामले की जांच शुरू की और जूनी इंदौर एसडीएम प्रदीप सोनी ने जब क्रिश्चियन कॉलेज की फाइलों की जांच-पड़ताल की तो पता चला कि उक्त जमीन तो होलकर महाराज ने सिर्फ महिला अस्पताल और स्कूल संचालन के लिए दी थी। जबकि मौके पर उक्त गतिविधियां संचालित ही होना नहीं पाई गई। इंदौर क्रिश्चियन कॉलेज के डॉ. अमित डेविड पिछले कई समय से नक्शा मंजूर करवाने के प्रयास में जुटे रहे और प्रशासन पर दबाव-प्रभाव बनाने के प्रयास भी किए गए। मगर कलेक्टर शिवम वर्मा द्वारा कराई गई जांच के बाद अभिन्यास मंजूरी पर ना सिर्फ रोक लगा दी, बल्कि सरकारी नजूल घोषित इस जमीन को वापस भी लिया जा सकता है।