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इंदौर : टूटेगा अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जावेद सिद्दीकी का घर, महू में अवैध घोषित किया गया मकान

November 20, 2025

इंदौर. अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) के चेयरमैन (chairman ) जावेद अहमद सिद्दीकी (Javed Siddiqui) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब मध्य प्रदेश में महू कैंटोनमेंट बोर्ड (Mhow Cantonment Board) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जावेद अहमद सिद्दीकी के परिवार के नाम दर्ज एक आवासीय संपत्ति को अवैध निर्माण घोषित कर दिया है और बोर्ड ने मकान पर नोटिस चस्पा कर 3 दिन के अंदर अवैध हिस्सा ध्वस्त करने का निर्देश दिया है. साथ ही बोर्ड ने चेतावनी दी है कि यदि निर्देशों का पालन नहीं किया जाता तो संबंधित पक्ष से इस पर होने वाला खर्च वसूला जाएगा.

महू के मुकेरी मोहल्ला स्थित सर्वे नंबर 245/1245 पर बना हाउस नंबर 1371 ये मकान स्वर्गीय मौलाना हम्माद (जावेद अहमद सिद्दीकी के पिता) के नाम पर दर्ज है. करीब 860 वर्गफीट क्षेत्र में बना ये तीन मंजिला मकान है, जिसमें अवैध रूप से बेसमेंट भी बनाया गया है.


कैंटोनमेंट इंजीनियर एचएस कालोया ने कहा, ‘हमने दिवंगत मौलाना हम्माद के घर को नोटिस जारी किया है जो जावद अहमद सिद्दीकी के पिता हैं. नोटिस के अनुसार, विभाग ने पहले 1996 और 1997 में कैंटोनमेंट एक्ट, 1924 की संबंधित धाराओं के तहत कई पत्र जारी किए थे, जिनमें अनधिकृत निर्माण को हटाने का निर्देश दिया गया था.’

जारी किए जा चुके हैं कई नोटिस
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, बार-बार सूचना देने के बावजूद, कथित तौर पर निर्माण को नहीं हटाया गया. नए नोटिस में संपत्ति के वर्तमान निवासी या कानूनी उत्तराधिकारियों को तीन दिनों के भीतर अनधिकृत संरचना को हटाने का निर्देश दिया गया है.’

‘निर्देश का पालन नहीं हुआ तो…’
अधिकारी ने बताया कि यदि निर्देश का पालन नहीं किया गया तो छावनी बोर्ड हटाने की कार्रवाई करेगा और छावनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार संबंधित पक्ष से इस पर होने वाला खर्च वसूला जाएगा.

25 साल पहले महू छोड़कर आए हरियाणा
जानकारी के अनुसार जावेद अहमद सिद्दीकी समेत पूरा परिवार करीब 25 साल पहले महू छोड़कर हरियाणा के फरीदाबाद शिफ्ट हो गया था. इसके बावजूद मकान में कुछ लोग रह रहे हैं, जिन्हें नोटिस तामील किया गया है.

गौरतलब है कि जावेद सिद्दीकी के भाई हमूद अहमद सिद्दीकी को मध्य प्रदेश पुलिस ने अभी हाल ही में महू में 25 साल पुराने बड़े वित्तीय घोटाले के मामले में हैदराबाद से गिरफ्तार किया था.

दिल्ली लाल किला ब्लास्ट केस में अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर जांच एजेंसियों की पैनी नजर है. मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी समेत कई संदिग्धों का इस संस्थान से सीधा संबंध सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी को जांच का एपिसेंटर माना जा रहा है. जांचकर्ता संस्थान के छात्र रिकॉर्ड, फंडिंग सोर्स, विदेशी लेनदेन और संदिग्ध गतिविधियों की छानबीन कर रहे हैं.

वहीं, मामला बेहद संवेदनशील होने के कारण स्थानीय प्रशासन और कैंटोनमेंट बोर्ड ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. अगले कुछ दिनों में मकान पर बुलडोजर चलने की पूरी संभावना है.

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