
नई दिल्ली: बिहार (Bihar) में शपथ ग्रहण कार्यक्रम पूरा होते ही भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने अपने राजनीतिक फोकस को तेज़ी से बंगाल की ओर मोड़ दिया है. बंगाल को अब तक ममता बनर्जी और टीएमसी का अभेद्य गढ़ माना जाता रहा है. 2026 के विधानसभा चुनाव से काफी पहले ही बीजेपी के लिए बंगाल नंबर वन प्राथमिकता बन चुका है. पार्टी ने यहां एक “मेगा ग्राउंड ऑपरेशन” शुरू कर दिया है, जिसकी संरचना, तीव्रता और राजनीतिक वजन अब तक के किसी भी चुनावी अभियान से कहीं अधिक आक्रामक और संगठित है.
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने छह राज्यों के संगठन मंत्रियों को बंगाल के पांच प्रमुख जोनों में रणनीतिक रूप से तैनात कर दिया है. इनके साथ छह वरिष्ठ नेताओं और एक दर्जन से अधिक प्रभावशाली चेहरों को जोड़ा गया है. खास बात यह है कि ये सभी नेता आगामी पांच महीनों तक बंगाल में ही डेरा डालकर जमीनी राजनीति, बूथ नेटवर्क और सामाजिक समीकरणों पर काम करेंगे.
किस जोन में कौन-कौन से नेता की हुई तैनाती
राढ़बंगा क्षेत्र की जिम्मेदारी मिली है छत्तीसगढ़ के संगठन मंत्री पवन साई को. उनके साथ उत्तराखंड के मंत्री धन सिंह रावत काम करेंगे. पुरुलिया, बांकुड़ा और वर्धमान जैसे क्षेत्र बीजेपी के लिए संगठन विस्तार का बड़ा टारगेट हैं.
हावड़ा–हुगली–मेदिनीपुर की जिम्मेदारी दिल्ली के संगठन मंत्री पवन राणा को जिम्मेदारी दी गई है. हावड़ा–हुगली में इनके साथ हरियाणा के वरिष्ठ नेता संजय भाटिया तैनात रहेंगे।
मेदिनीपुर: यहां यूपी सरकार के मंत्री जेपीएस राठौर को भेजा गया है—यह वही इलाका है जहां शुभेंदु अधिकारी की पकड़ और टीएमसी–बीजेपी की तीखी लड़ाई राजनीतिक माहौल को हमेशा गर्म रखती है.
कोलकाता महानगर और दक्षिण 24 परगना कमान हिमाचल के संगठन मंत्री एम. सिद्धार्थन के पास. उनके साथ कर्नाटक के कद्दावर नेता सी.टी. रवि को लगाया गया है. यह क्षेत्र टीएमसी का सबसे मजबूत किला है—इसलिए बीजेपी ने यहां “हाई–इम्पैक्ट टीम” उतारी है.
नवद्वीप और उत्तर 24 परगना जिम्मेदारी आंध्र प्रदेश के संगठन मंत्री एन. मधुकर को. साथ में यूपी के वरिष्ठ नेता सुरेश राणा. यह इलाका सांप्रदायिक संवेदनशीलता, बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे और टीएमसी के मजबूत वोट–क्लस्टर्स के लिए जाना जाता है.
उत्तर बंगा: मालदा–मूर्शिदाबाद–सिलीगुड़ी बेल्ट, मालदा की कमान अरुणाचल प्रदेश के संगठन मंत्री अनंत नारायण मिश्र के पास. सिलीगुड़ी में कर्नाटक के संगठन मंत्री अरुण बिन्नाडी को भेजा गया है. सूत्रों के मुताबिक, यहाँ पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved