
लंदन। टैक्स के बोझ (Tax burden.) से परेशान स्टील किंग लक्ष्मी नारायण मित्तल (Steel King Lakshmi Narayan Mittal) ब्रिटेन छोड़ने का बड़ा फैसला ले लिया है। इससे पहले भी कई उद्यमी ब्रिटेन छोड़ चुके हैं। इनमें भारतवंशी टेक उद्यमी हरमन नरूला (Indian-origin tech entrepreneur Harman Narula) भी शामिल हैं और वे दुबई गए हैं। वहीं, रिवोल्यूट के सह-संस्थापक निक स्तोरोंस्की भी यूएई जा चुके हैं, जिससे वे संभावित 3 अरब पाउंड के कैपिटल गेन टैक्स से बच सकेंगे।
पहले भी दिया था झटका
ब्रिटेन सरकार ने इस साल अप्रैल में 200 साल पुरानी कर व्यवस्था, जिसे ‘नॉन-डोम स्टेटस’ कहा जाता था, को खत्म कर दिया था। इसके तहत ब्रिटेन में रहने वाले ऐसे लोग जिनका मूल घर विदेश में है, उनकी विदेशी आय पर ब्रिटेन में टैक्स नहीं लगता था लेकिन अब इसके खत्म होने से पूरा कर देना होगा।
अमीरों से कौन-कौन से टैक्स
हर देश अपने सबसे अमीर नागरिकों यानी शीर्ष एक फीसदी अति उच्च आय वाले लोगों से टैक्स वसूलने के अलग-अलग तरीके अपनाता है। इसमें शामिल होते हैं:
1. आयकर
2. पूंजीगत लाभ कर : जैसे शेयर, प्रॉपर्टी बेचने पर
3. उत्तराधिकार कर : मृत्यु के बाद संपत्ति पर
4. सरचार्ज (अतिरिक्त टैक्स)
5. संपत्ति या धन कर : कुछ देशों में लागू
अधिक टैक्स लगाने की वजहें
1. आर्थिक असमानता बढ़ना : अरबपतियों और टॉप 1% की संपत्ति बहुत तेज़ी से बढ़ी है, इससे सामाजिक असंतोष और राजनीतिक दबाव बन रहा है।
2. राजस्व की जरूरत : कोविड, महंगाई और बड़े सार्वजनिक खर्चों के कारण सरकारें आय बढ़ानी चाहती हैं, सुपर-रिच पर टैक्स बढ़ाने से राजस्व में बढ़ोतरी हो सकती है।
3. सामाजिक दबाव : इस संबंध में सरकारों पर सामाजिक दबाव भी रहता है, इसलिए वे राजनीतिक स्तर पर कदम उठाती रहती हैं।
4. वैश्विक नीतियों का दवाब : जी20 स्तर पर कॉरपोरेट और ऊंची आय पर नियम बन रहे हैं, इसी प्रवाह से व्यक्तिगत ऊपरी आय/धन पर भी संवाद शुरु हुआ है।
कहां जा रहे अरबपति
1. यूएई (दुबई, आबू धाबी) : शून्य आयकर, आकर्षक स्थायी निवास का प्रस्ताव, निवेश-आधारित सुविधाएं
2. सिंगापुर : मजबूत वित्तीय ढांचा, स्थिरता, आकर्षक कर व्यवस्था,
3. मोनाको/स्विट्जरलैंड/केमन/बहामास : टैक्स हेवन देश, शून्य कर
उभरते क्षेत्र : गोल्डन वीजा और निवेश के जरिए स्थायी नागरिकता देने वाले देशों में भी रुचि बढ़ी है। इनमें ब्रूनेई, बहरीन, बरमूडा और मोनाको जैसे देश शामिल है।
कानूनी तरीके से ऐसे बचाते हैं कर
1. ट्रस्ट : सिंगापुर, यूके, चैनल आइलैंड्स जैसे देशों में धन और संपत्ति को ट्रस्ट के नाम पर रखकर टैक्स को कम किया जाता है।
2. फाउंडेशन और फैमिली ऑफिस — अमीर परिवार अपनी संपत्ति और निवेश के प्रबंधन के लिए फैमिली ऑफिस बनाते हैं, जिससे टैक्स प्लानिंग आसान हो जाती है।
3. नॉन-डोमिसाइल स्टेटस : यह व्यवस्था बाहरी नागरिकों को रहने की सुविधा देती है, लेकिन विदेश से होने वाली आय पर टैक्स नहीं लगता।
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