
भोपाल। दतिया (Datia) में मतदाता सूची (Voter List) के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR-2026) को लेकर जारी एक प्रशासनिक आदेश ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। कलेक्टर कार्यालय द्वारा बीएलओ (BLO) के साथ जिन “सहयोगियों” की नियुक्ति की गई है, उनमें भाजपा पदाधिकारियों, पूर्व मंडल अध्यक्षों और संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं के नाम शामिल होने के बाद मामला राजनीतिक रंग ले चुका है। संवेदनशील प्रक्रिया मानी जाने वाली मतदाता सूची पुनरीक्षण में राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोप तेजी से उठने लगे हैं। विपक्ष का कहना है कि यह आदेश प्रशासनिक निष्पक्षता पर सीधा सवाल है और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को चोट पहुंचाता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने इस आदेश को लेकर तीखा वार किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के बाद अब प्रशासन भी सत्ता और संगठन की कठपुतली बनकर नाच रहा है। मतदाता सूची जैसी संवैधानिक प्रक्रिया में भाजपा पदाधिकारियों को शामिल करना लोकतंत्र का खुला अपमान है। भाजपा सरकार हर संवैधानिक व्यवस्था को अपने राजनीतिक एजेंडे का औजार बना चुकी है। पटवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा मतदाता सूची को प्रभावित कर संगठन के हित में इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर मतदाता के अधिकार की रक्षा और SIR की शुचिता बनाए रखने के लिए सजग और संघर्षरत” रहेगी।
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