
पालतुओं की जांच और इलाज पड़ रहा महंगा
इंदौर। मौसमी परेशानियों (seasonal troubles) के बीच श्वान प्रेमियों (dog lovers) की परेशानी अपने पालतू श्वानों (pet dogs) में टिक्स ने बढ़ा दी है। सालभर में तेजी से बढ़ी श्वानों में इस परेशानी का इलाज भी श्वान प्रेमियों की जेब पर भारी पड़ रहा है। शहर के तीनों शासकीय पशु चिकित्सालय (Government Veterinary Hospital) में हर दिन ऐसे करीब 10 मामले पहुंच रहे हैं। खून की जांच के बाद इलाज किया जा रहा है।
इस साल यह परेशानी बीते एक महीने से ज्यादा बढ़ी हुई है। शासकीय पशु चिकित्सालय के चिकित्सकों के मुताबिक, पहले टीक फीवर महीनों में एक बार किसी एक श्वान में नजर आ जाता था, लेकिन अब हर दिन तीनों चिकित्सालय में 6 से 10 ऐसे मामले पहुंच रहे हैं। पालतू श्वानों के साथ ही ये परेशानी अन्य श्वानों में भी देखी जा रही है। पशु चिकित्सकों के मुताबिक, टिक्स (जुएं, पिस्सू, गिचोड़ी) की परेशानी में पालतूओं के शरीर का बढ़ा तापमान श्वान पालकों को चिंता में डाल रहा है। राहत की बात यह है कि दवाइयां, इंजेक्शन और सही इलाज से पांच से सात दिन में इस समस्या से श्वान पूरी तरह ठीक हो रहे हैं।
खून की जांच के बाद दे रहे इलाज
तीनों शासकीय चिकित्सालय में पहुंच रहे मामलों में श्वानों की स्थिति देखकर खून की जांच करने की सलाह दी जा रही है और पालतू की खून की जांच के बाद आगे इलाज किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, बाहर इसकी खून की जांच ही 1 हजार रुपए से ऊपर की होती है। वहीं, अगर टिक्स के पूरे इलाज की बात की जाए, तो 7 दिन के पूरे इलाज में जेब से करीब 4 हजार रुपए खर्च हो रहे हैं, लेकिन शासकीय में फिलहाल थोड़ी राहत है। टिक्स के इलाज के लिए कुछ दवाइयां आती है, जिसे पानी में डालकर पालतूओं को नहलाने से इसकी समस्या दूर हो जाती है। साथ ही अब कुछ ऐसी टैबलेट भी मार्केट में उपलब्ध है, जिन्हें पालतूओं को खिला देने से दो से तीन महीने तक टिक्स उनपर लग नहीं पाते। हालांकि, इस मामले में चिकित्सकीय सलाह बेहद जरूरी है।
‘‘नमी के कारण टिक्स बढ़ जाते हैं। हम समय- समय पर इसके संबंध में एडवाइजरी जारी कर पशु प्रेमियों को जागरूक भी करते हैं। टीकाकरण, साफ-सफाई से इन्हें संक्रमित होने से बचाया जा सकता है। पत्थर गोदाम वाले हमारे शासकीय पशु चिकित्सालय में डिविजनल एनिमल डिसिस इन्वेस्टिगशन लैबोरेट्री में इसकी जांच की सुविधा कम शुल्क पर उपलब्ध है।’’
– डॉ शशांक जुमड़े, उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं, इंदौर
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