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मुस्लिम घर की दुल्हन बनने के लिए पूजा बेदी ने दांव पर लगाया करियर, फिर…

November 26, 2025

मुंबई। 90 के दशक की सुपरहिट एक्ट्रेस पूजा बेदी आज भले ही फिल्मों से दूर हैं, लेकिन उनकी जिंदगी की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. 1991 में ‘विषकन्या’ और 1992 में ‘जो जीता वही सिकंदर’ से रातोंरात पॉपुलरैटी हासिल की. पूजा को ‘इंडियन मर्लिन मुनरो’ कहा जाता था. लेकिन कुछ साल बाद ही उन्होंने बॉलीवुड को अलविदा कह दिया. अब पहली बार उन्होंने खुलकर बताया कि असल वजह क्या थी.

डॉ. शीन गुर्रिब के पॉडकास्ट में बात करते हुए पूजा ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने एक्स पति फरहान के रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार में शादी के बाद बॉलीवुड को अलविदा कह दिया. उन्होंने न सिर्फ बॉलीवुड इंडस्ट्री छोड़ने के पीछे की वजह बताई, बल्कि अपनी शादी, तलाक और जीवन के सबसे मुश्किल दौर पर भी खुलकर बात की.



‘सेक्सी एक्ट्रेस घर की बहू कैसे बन सकती है’
इस बातचीत में पूजा ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने एक्स पति फरहान फर्नीचरवाला के रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार में शादी के बाद बॉलीवुड को अलविदा कह दिया. उन्होंने कहा, ‘मैं हर चीज को 100 प्रतिशत देना चाहती थी, इसलिए शादी के बाद मैंने एक्टिंग छोड़ दी. मेरे एक्स पति फरहान एक बहुत ही रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखते थे, और उनके परिवार की बहू एक ‘सिक्सी एक्ट्रेस’ कतई नहीं बन सकती थी. इसको लेकर काफी बहस और चर्चा हुई. दोनों परिवार पहले से ही हमारी शादी के पक्ष में नहीं थे. मैं नहीं चाहती थी कि मेरे परिवार में टकराव का माहौल बने,

इसलिए मैंने बॉलीवुड छोड़कर कुछ और करने का फैसला किया.’
हालांकि, पूजा और फरहान ने हर मुश्किल को पार करते हुए 1994 में शादी की और दो बच्चों को जन्म दिया. लेकिन 9 साल बाद 2003 में उनके रिश्ते की दूरी तय हो गई. यह दौर पूजा के जीवन का सबसे कठिन समय था, जब उन्होंने कम समय में कई परिवारजनों को खो दिया. उन्होंने इस दर्दनाक फेज को याद करते हुए कहा, ‘जब मैं लगभग 27 साल की थी, पहली त्रासदी में मेरी दादी का कैंसर से निधन हो गया, मेरे कुत्ते की मौत हो गई और वह शख्स जिसने मुझे 6 महीने की उम्र से पाला था चल बसा… मेरी मां की मौत भूस्खलन में हुई और मेरे भाई ने आत्महत्या कर ली. इन सबके बीच, मेरी शादी टूट गई और मेरे दो बच्चे भी थे. मेरा तलाक बिना किसी गुजारा-भत्ते के हुआ. मैं 32 साल की थी और बिल्कुल अकेली और डरी हुई थी. हर 6 महीने में कोई न कोई दर्दनाक तरीके से मेरी जिंदगी और इस दुनिया को छोड़ रहा था. मैं आसमान की ओर देखती और कहती थी क्या मुझपर थोड़ा रहम कर सकते हो?’

‘आगे बढ़ने का वक्त था और मैं बढ़ी’
पूजा ने बताया कि कैसे उन्होंने इस मुश्किल दौर में खुद को संभाला. उन्होंने कहा- ‘मैंने उसी समय के आसपास कॉलम लिखना शुरू किया और फिर एक चीज दूसरे से जुड़ती चली गई. एक साल के अंदर मैं अपने पति जैसी ही मर्सिडीज चला रही थी. हमारे बीच कोई दुश्मनी या गुस्सा नहीं था.मैंने उनके बिजनेस को जीरो से बनाने में मदद की और फिर भी मुझे उसका कुछ नहीं मिला. मुझे यह बात स्वीकार करनी पड़ी. मैं लड़ सकती थी या रुक सकती थी, लेकर मैंने ऐसा नहीं किया. आगे बढ़ने का वक्त था और मैंने आगे बढ़ी.’

अपनी बात खत्म करते हुए उन्होंने कहा, ‘सिर्फ इसलिए कि आप किसी के साथ 12 साल खुश रहे, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको अगले 50 साल उनके साथ दुखी होकर बिताने होंगे. आपको जाने देना होगा’.

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