
इंदौर। सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) की डेढ़ सौ वीं जयंती पर निकली एकता यात्रा (Unity Tour) इंदौर (Indore) से रवाना हुई। यात्रा में मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) सहित प्रदेश सरकार के मंत्री व जनप्रतिनिधि शामिल हुए। यात्रा इंदौर से धार-झाबुआ होते हुए गुजरात जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि आजादी के लिए जिन-जिन महापुरुषों ने योगदान दिया, उन्हें योजनाबद्ध तरीके से भुलाने का काम नेहरू-गांधी परिवार ने किया।
सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस सहित कई महापुरुषों को भुलाया गया। सरदार पटेल प्रधानमंत्री के रुप में पूरे देश को स्वीकार होते, लेकिन उन्होंने विनम्रता के साथ महात्मा गांधी के आदेश को माना। वर्तमान के समय में उनके कामों का आंकलन करे तो देश के कई नेता बौने हो जाएंगे, लेकिन दूसरों ने अपनी लकीर बड़ी करने के बजाए उनकी लकीर छोटी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर में नेहरू ने धारा-370 लगाई, लेकिन उसमें कई गलतियां रखी। उस कलंक के कारण देश के सैनिक, कई कश्मीरी पंडित मारे गए। भारत के नक्शे के साथ कश्मीर यदि हमें पूरा मिलता तो हम अफगानिस्तान के रास्ते ईरान औ ईराक के साथ यूरोप को जोड़ने का रास्ता निर्बाध रुप से रख सकते थे, लेकिन बीच में विभाजन की रेखा बनने की गलती नेहरू जी की है।
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उन्होंने कहा कि देश में प्रशासनिक सेवा का तंत्र बना है, जो लोकतंत्र को मजबूत करता है, वह सरदार वल्लभ भाई पटेल की देन है। एक हजार साल में गुलामी के कारण जिन कारणों से भारत कमजोर हुआ, उसे जानते हुऐ देश की एकता और अखंडता को सरदार पटेल ने मजबूत किया। नेहरू जी, इंदिरा जी, राजीव गांधी को भले ही भारत रत्न मिला, लेकिन सरदार पटेल को उनकी प्रतिमा जैसे विराट व्यक्तित्व को वर्षों तक याद किया जाएगा।
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