
पुरी । संविधान दिवस पर पुरी के समुद्र तट पर (On the Puri beach on Constitution Day) पद्मश्री सुदर्शन पटनायक की सैंड आर्ट (Padmashri Sudarshan Patnaik’s Sand Art) ने सबका दिल जीत लिया (Won everyone’s Heart) ।
उन्होंने बुधवार को पुरी बीच पर एक खूबसूरत और प्रभावशाली सैंड स्कल्पचर बनाया, जिसमें भारतीय संविधान की झलक बेहद शानदार तरीके से दिखाई गई। इस कला पर बड़े अक्षरों में ‘हैप्पी कॉन्स्टिट्यूशन डे’ लिखा था। सुदर्शन पटनायक की इस बार की सैंड आर्ट खास इसलिए भी थी, क्योंकि यह लगभग 6 टन रेत से बनाई गई और करीब 6 फीट ऊंची थी। दूर से ही यह एक शानदार स्कल्पचर लग रहा था जो भारत की लोकतांत्रिक भावना की ताकत और खूबसूरती को दर्शाता था।
पटनायक का मकसद सिर्फ एक कलात्मक मूर्ति बनाना नहीं था, बल्कि लोगों को यह याद दिलाना था कि हमारा संविधान ही हमारे लोकतंत्र की असली ताकत है और इसे मजबूत रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। इस सैंड स्कल्पचर को बनाने में पटनायक को उनके सैंड आर्ट इंस्टीट्यूट के छात्रों का भी पूरा साथ मिला। टीम ने मिलकर इसे बहुत कम समय में तैयार किया और बीच पर घूमने आने वाले लोग इसे देखते ही रुक-रुककर तस्वीरें खींचने लगे। कई लोग इंस्टॉलेशन के पास जाकर संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए वीडियो बनाते भी नजर आए।
सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने कहा कि संविधान दिवस के मौके पर हमने ‘हैप्पी कॉन्स्टिट्यूशन डे’ मैसेज के साथ यह छह फुट ऊंची रेत की मूर्ति बनाई है। आज हर भारतीय के लिए गर्व का दिन है, क्योंकि यह भारत के संविधान को अपनाने का दिन है। अपनी कला के ज़रिए, मैं इस पवित्र दिन पर सभी को अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं।
गौरतलब है कि भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इसी दिन साल 1949 में हमारा संविधान अपनाया गया था। देशभर में इस दिन को बड़े सम्मान के साथ मनाया जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में प्रस्तावना पढ़ी जाती है, जागरूकता कार्यक्रम होते हैं और कई तरह की शैक्षिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। इन सबका उद्देश्य यही होता है कि लोग हमारे संविधान के मूल सिद्धांतों (न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व) को समझें और अपनाएं। साथ ही, नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में भी जागरूकता बढ़ाई जाती है।
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