
नई दिल्ली । लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने कहा कि देश के लोकतांत्रिक और प्रशासनिक ढांचे में (In democratic and administrative structure of the Country) यूपीएससी का महत्वपूर्ण योगदान है (UPSC has an important Contribution) ।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की शताब्दी वर्ष पर दो दिवसीय शताब्दी सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और यूपीएससी अध्यक्ष अजय कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। सम्मेलन का उद्देश्य यूपीएससी के 100 वर्षों के योगदान और भारत के लोकतांत्रिक और प्रशासनिक ढांचे में इसके महत्व को याद करना है।
ओम बिरला ने सम्मेलन में कहा, “संघ लोक सेवा आयोग की शताब्दी यात्रा पर सभी को शुभकामनाएं । यह भारत के लोकतांत्रिक और प्रशासनिक ढांचे की सबसे महत्वपूर्ण संस्था है। संविधान दिवस के अवसर पर भी बधाई। मैं उन सभी का स्मरण करता हूं जिन्होंने पिछले 100 वर्षों में यूपीएससी के निर्माण और विकास में योगदान दिया, जो अब हमारे बीच नहीं हैं और उन लोगों को भी याद करता हूं जो आज भी अपने मूल्यवान विचारों और प्रयासों से आयोग का मार्गदर्शन कर रहे हैं।”
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, “यह एक बहुत ही शुभ संयोग है कि 2025 ने कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी बनाया। इस वर्ष कई महान व्यक्तित्वों की जयंती भी मनाई गई, जिन्होंने किसी न किसी रूप में भारत की प्रगति, संविधान, लोकतांत्रिक ढांचे या सांस्कृतिक विरासत में योगदान दिया।”
यूपीएससी के अध्यक्ष अजय कुमार ने शताब्दी समारोह पर कहा, “यूपीएससी 100 वर्षों की योग्यता, ईमानदारी और विश्वास का प्रतीक है। यह सभी उम्मीदवारों और सिविल सेवकों के लिए निष्पक्षता का प्रतीक माना जाता है। जैसे-जैसे देश ‘विकसित भारत’ बनने की ओर बढ़ रहा है, सिविल सेवकों से अपेक्षाएं बढ़ गई हैं। यूपीएससी यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि वे बदलती चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हों।”
दो दिवसीय सम्मेलन में यूपीएससी के ऐतिहासिक योगदान, देश की प्रशासनिक प्रणाली में इसकी भूमिका और सिविल सेवा परीक्षा के महत्व पर चर्चा हो रही है, साथ ही भविष्य में सेवा में सुधार और उम्मीदवारों की तैयारियों को बेहतर बनाने के उपायों पर भी विचार-विमर्श हो रहा है।
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