
नई दिल्ली। गौतम अडानी समूह (Gautam Adani Group) का अब कर्ज कम करने पर फोकस (Focus Reducing debt) है। समूह ने बताया कि उसने साल 2030 तक अपने बही-खाते पर कुल ऋण एक लाख करोड़ रुपये तक रखने का लक्ष्य तय किया है। अडानी समूह के मुख्य वित्त अधिकारी जुगेशिन्दर (रॉबी) सिंह ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऐसा साल 2030 तक हो जाना चाहिए। कुछ चीजें हैं, जिन्हें कंपनी को सुलझाना है, जिन पर वह अपने बैंकिंग साझेदारों (Banking Partners.) के साथ काम करेगी। सूत्रों के अनुसार, अडानी समूह पर कुल 2.6 लाख करोड़ रुपये का ऋण है। समूह की कंपनियों का सालाना परिचालन लाभ 90,000 करोड़ रुपये और 60,000 करोड़ रुपये की नकदी है।
क्या है समूह की योजना?
जुगेशिन्दर सिंह ने कहा, ”मुझे लगता है कि जोखिम के लिहाज से हम ऐसी स्थिति में रहना चाहते हैं कि हमारी वृद्धि योजना हमें किसी भी पूंजी तक पहुंचने पर निर्भर न करे। इसका मतलब यह नहीं कि हम पूंजी नहीं लेंगे। इसका सिर्फ यह मतलब है कि जब हम अपनी योजना बनाते हैं, तो अपनी योजना के पैमाने के कारण, लगभग अनुमानित रूप से हम अगले छह वर्षों में हर साल डेढ़ लाख करोड़ रुपये की नई संपत्तियों में निवेश करेंगे।”
सहारा समूह की संपतियों के अधिग्रहण पर क्या बोले
संकटग्रस्त सहारा समूह की संपत्तियों के बारे में उन्होंने कहा, ”हम किसी भी मुकदमे में बहुत कम शामिल हैं, हम नहीं होंगे, लेकिन हम इसमें बहुत रुचि रखते हैं। कुछ संपत्तियां विशेष रूप से तैयार की गई हैं और रियल एस्टेट की प्रकृति की हैं। ये हमारे लिए ठीक होंगी।” बता दें कि सहारा समूह की संपत्तियां अडानी समूह को बेचने का प्रस्ताव है। हालांकि सिंह ने कहा कि अडानी समूह को कुछ रास्ते ढूंढने होंगे, क्योंकि ये संपत्तियां मुकदमेबाजी में शामिल हैं।
अडानी एंटरप्राइजेज का राइट इश्यू
हाल ही में अडानी समूह की मुख्य कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने भारत के सबसे बड़े राइट इश्यू में से एक को सब्सक्रिप्शन के लिए खोला। इसमें एक शेयर की कीमत 1,800 रुपये रखी गई है, जो मंजूरी तारीख के भाव से करीब 24 प्रतिशत कम है। कंपनी के राइट इश्यू दस्तावेज के अनुसार पूरी तरह भरने पर इश्यू का कुल आकार 24,930.30 करोड़ रुपये होगा। इसमें 13.85 करोड़ से अधिक नए शेयर जारी किए जाएंगे। इश्यू 10 दिसंबर को बंद होगा।
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