
कोलंबो। श्रीलंका में चक्रवात दित्वाह ने भारी तबाही मचाई है, जिसके चलते वहां के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर के अनुसार, अब तक कम से कम 334 लोगों की मौत हो चुकी है और 370 लोग लापता हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिला कैंडी है, जहां 88 मौतें और 150 लोग लापता हैं। इसके अलावा बादुला में 71, नुवारा एलिया में 68 और मटाले में 23 मौतें दर्ज की गई हैं।
डीएमसी के मुताबिक, इस आपदा ने देश भर में 3,09,607 परिवारों के 11,18,929 लोगों को प्रभावित किया है। इतना ही नहीं चक्रवात दित्वाह के कारण नदियों का जलस्तर ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया, जिसके चलते पूरे शहर जलमग्न हो गए, बड़े पुल बह गए और कई महत्वपूर्ण इमारतें और सड़कें टूट गईं।
इतना ही नहीं इस त्रासदी को देखते हुए भारत ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ शुरू किया और श्रीलंका की मदद के लिए ह्यूमैनिटेरियन, राहत और बचाव ऑपरेशन में तेजी दिखाई। भारतीय वायु सेना ने कोलंबो भेजे गए विमान के जरिए 21 टन राहत सामग्री, 80 से ज्यादा एनडीआरएफ जवान और आठ टन उपकरण पहुंचाए।
पुणे से भी एनडीआरएफ टीम और उपकरण एयरलिफ्ट किए गए। इस मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने कठिन हालात में भी तेज, समन्वित और मानवीय राहत प्रयास के जरिए श्रीलंका की मदद की है। यह मिशन भारत की पड़ोसी देश के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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